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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके, लोगों में दहशत, घरों से बाहर निकले

संवाददाता

नई दिल्ली / ग़ाज़ियाबाद। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार को दोपहर 2:53 पर आए भूकंप के झटकों के बाद, लोग दफ्तर और घरों से बाहर निकल गए। श्रावस्ती में 2:51 पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। इस भूकंप की तीव्रता 4.6 रही। उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली के अलावा, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद में भी भूकंक के झटके महसूस किए गए।

श्रावस्ती में 2:51 पर तेज भूकंप के झटके महसूस हुए, जिनकी तीव्रता 4.6 थी। इस भूकंप के प्रभाव से उत्तर भारत के कई राज्यों में भी झटके महसूस किए गए, जैसे कि दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, और फरीदाबाद में भी।
क्यों आता है भूकंप
आपने सही जानकारी प्रस्तुत की है। पृथ्वी के अंदर कई प्लेट्स हैं जो असमय असमय पर अलग-अलग दिशाओं में घूमती रहती हैं, और जहां-जहां ये प्लेट्स मिलती हैं, वहां जोन फॉल्ट लाइन बनती है। इन जोन फॉल्ट लाइन्स पर प्लेट्स एक दूसरे के साथ टकराती हैं, और यह टक्करें ज़मीन के कुछ हिस्सों में दबाव बनाती हैं।

जब यह दबाव बढ़ता है और प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं, तो इससे जोन फॉल्ट लाइन्स पर दबाव बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप, प्लेट्स तोड़ देती हैं और निचली ऊर्जा बाहर आती है। जब यह ऊर्जा बाहर आती है, तो यह भूमिगत दुर्घटनाओं की ओर बढ़ती है, जैसे कि भूकंप और भूस्खलन।

धरती के इस तरीके के गतिविधियों का अध्ययन करने से भूकंप की पूर्वानुमानित सूचनाएँ दी जा सकती हैं, लेकिन यह कठिन हो सकता है क्योंकि इन गतिविधियों के आने के साथ-साथ उनके टूटने की समयांतर सूचनाएँ भी प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब निम्नलिखित है:
भूकंप के केंद्र: भूकंप के केंद्र का मतलब वह स्थान होता है जहां से भूकंप की शक्ति उत्पन्न होती है और जहां से भूकंप के झटके दिखाई देते हैं। इस केंद्र को “भूकंप का एपिसेंटर” भी कहा जाता है।
भूकंप की तीव्रता: भूकंप की तीव्रता उसकी शक्ति को मापने का तरीका है। यह मापन आमतौर पर रिक्टर स्केल (Richter scale) या मोमेंट मैग्नीटूड स्केल (Moment Magnitude Scale) के द्वारा किया जाता है। इन स्केलों पर तीव्रता की गणना या मापन भूकंप के विकरण की मात्रीका होती है, जिससे भूकंप की तीव्रता का पता चलता है।
इसके अलावा, भूकंप की तीव्रता को “मैग्नीट्यूड” के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें इसकी शक्ति का संदर्भ दिया जाता है, जैसे कि “मैग्नीट्यूड 5.0 का भूकंप”। तीव्रता का बढ़ना भूकंप के जटिलता को दर्शाता है, और ज्यादा तीव्र भूकंप अधिक आपत्तिजनक हो सकता है।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना
भूकंप की तीव्रता का मापन विभिन्न पैमानों पर आधारित किया जा सकता है, और मुख्य तौर पर रिक्टर स्केल और मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल का प्रयोग होता है।

रिक्टर स्केल (Richter Scale): रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता को 1 से 10 के बीच की एक संख्या पर आधारित करता है, जिसे “मैग्नीट्यूड” कहा जाता है। इस पैमाने पर हर एक दशमलव बढ़ोतरी एक दोगुनी तीव्रता को दर्शाता है, जैसे कि भूकंप मैग्नीट्यूड 5.0 का होने पर इसे मध्यम तीव्रता का भूकंप माना जाता है.
मोमेंट मैग्नीट्यूड स्केल (Moment Magnitude Scale, Mw): यह पैमाना भूकंप की तीव्रता को और सटीकता से मापने के लिए विकसित किया गया है और आमतौर पर उसका प्रयोग बड़े और तीव्र भूकंपों के मापन में होता है. इसमें भूकंप के विकरण (rupture) की जानकारी, जमीन के मांगनीटूड, और अन्य कारकों का ध्यान रखा जाता है ताकि तीव्रता का सटीक मापन किया जा सके.
भूकंप की तीव्रता का मापन किसी से और मापन उपकरणों से किया जा सकता है, जैसे कि सेमोलॉगर्स (seismographs) और सेज्मोमीटर्स (seismometers). ये उपकरण भूकंप की जन्मस्थली (जहाँ से भूकंप की शक्ति उत्पन्न हुई) से दूरी, दुर्दशा, और जमीन की चर्चा के आधार पर तीव्रता को मापते हैं।

भूकंप की तीव्रता का मापन उसके पैमाने के हिसाब से होता है, जिससे यह समझा जा सकता है कि भूकंप कितना आपत्तिजनक हो सकता है और कितना तबादला ला सकता है।

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