
साहिबाबाद। वसुंधरा सेक्टर-15 निवासी एक मां ने तीन बेटों के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया। बच्चों को बुखार नहीं होने की बात कहकर गोली दी थी। जहर खाने के बाद महिला ने फैमिली डॉक्टर को सूचना दी। डॉक्टर ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया। पुलिस ने चारों को पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। मां और बड़े बेटे की हालत नाजुक बताई जा रही है। गृह क्लेश में जहर खाने की बात सामने आ रही है। पति-पत्नी चार महीने अलग-अलग रह रहे थे।
मूलरूप से मथुरा निवासी महिला की 2002 में आगरा निवासी युवक से शादी हुई थी। दोनों के तीन बेटे 16, आठ और सात साल के हैं। बड़ा बेटा दिल्ली के सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ता है। जबकि दूसरा बेटा तीसरी और छोटा बेटा दूसरी कक्षा में वसुंधरा के ही एक निजी स्कूल में पढ़ते हैं। पति नोएडा की एक प्रिटिंग प्रेस में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं। शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे महिला ने तीनों बेटे के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया। इसके बाद वसुंधरा सेक्टर-17 में रहने वाले अपने फैमिली डॉक्टर को सूचना दी। डॉक्टर ने कंट्रोल रूम पर पुलिस को बताया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। एसएचओ इंदिरापुरम महेंद्र सिंह ने बताया कि गृह क्लेश में जहर खाने की बात सामने आ रही है। महिला और बड़े बेटे का आईसीयू में इलाज चल रहा है। जबकि दो छोटे बेटे को हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है।
चौकी इंचार्ज ने भांपी स्थिति, जबरन कराया अस्पताल में भर्ती
सूचना पाकर चौकी इंचार्ज प्रहलादगढ़ी नरपाल सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों से महिला से जानकारी की तो उन्होंने बुखार की दवा खाने की बात कही। इसके बाद उन्होंने दोनों छोटे बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि मां ने बुखार नहीं होने की दवाई दी है। इसके बाद महिला बेसुध होने लगी। नरपाल सिंह सभी को अस्पताल ले जाने लगे तो महिला ने विरोध करना शुरू कर दिया। स्थिति को भांपते हुए जबरन चौकी इंचार्ज सभी को अस्पताल लेकर पहुंचे।
चार माह से रह रहे थे अलग
सूचना पाकर पति वसुंधरा स्थित निजी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनका और पत्नी का विवाद चल रहा है। दोनों करीब चार माह से अलग रह रहे हैं। पत्नी तीन बेटों के साथ वसुंधरा सेक्टर-15 में किराए पर जबकि वह वसुंधरा सेक्टर-13 में किराए पर रहते हैं। उन्होंने किसी तरह की कोई शिकायत पुलिस से नहीं की है। न ही मामला कोर्ट में चल रहा है। उन्होंने बताया कि ससुराल वालों को मामले की जानकारी दे दी है।
समझाएं नहीं पहले समझिए, फिर कीजिए चर्चा
परिवार में इस तरह के मामले बढ़ गए हैं। मां को लगता है कि उसकी जिंदगी खत्म होने के बाद बच्चों की देखभाल कौन करेगा। इसको लेकर वह बच्चों को भी ऐसी घटना में शामिल कर लेती हैं। तनाव के दौरान पहले पीड़ित की बात को सुने और समझें। इसके बाद उस पर चर्चा कर हल निकालें। बात सुनने और समझने से तनाव लेने वाले व्यक्ति का प्रेशर कम होता है और वह आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाता। -डॉ. संजीव त्यागी, मनोचिकित्सक



