
नई दिल्ली. कहा जाता है कि देश के दिल राजधानी दिल्ली में कब और कहां कोई वारदात आपके साथ हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. महिलाओं के साथ तो और भी ज्यादा अपराध होते हैं. रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, पॉश कॉलोनी और व्यस्त बाजार में अपराधी सबसे ज्यादा अपराध को अंजाम देते हैं. ऐसा दावा किया जाता है कि दिल्ली में 27 इलाके ऐसे भी हैं जहां लूट (Loot) और झपटमारी (Snatching) की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं.
पुलिस से जुड़े जानकार बताते हैं कि अपराधी दिल्ली की स़ड़कों पर सुबह के वक्त ज्यादा घात लगाए बैठे रहते हैं. पीएम की भतीजी के साथ भी सुबह के वक्त ही लूट की वारदात हुई थी. सुबह के वक्त वारदात की ताक में लगे रहने के पीछे कई बार अपराधियों ने खुलासा किया है कि सुबह के वक्त सड़कों पर पुलिस की आवाजाही ज्यादा नहीं होती है. हालांकि, दिल्ली पुलिस इस बात से इंकार करती है. उसका कहना है कि पीसीआर 24 घंटे सड़क पर गश्त करती हैं.
यहां होती हैं लूट और झपटमारी की वारदात
सूत्र बताते हैं कि हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक अभियान चलाकर ये जानकारी जुटाई है कि दिल्ली में सबसे ज्यादा लूट और झपटमारी की वारदात कहां होती हैं. उनमें से 27 इलाके ऐसे हैं जो सबसे ज्यादा खतरनाक हैं. इनमें विवेक विहार, जगतपुरी, जामा मस्जिद, गोविंदपुरी, जीटीबी एंक्लेव, शाहदरा, यमुना विहार, भजनपुरा, द्वारका मोड़, उत्तम नगर, जनकपुरी वेस्ट, जनकपुरी ईस्ट, कृष्णा नगर, मदर डेयरी, पांडव नगर, आनंद विहार, तिलक नगर, शादीपुर, चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, आदर्श नगर, डीयू, जहांगीरपुरी, मयूर विहार, न्यू अशोक नगर आदि हैं.
क्या कहते हैं लूट-झपटमारी के ये आंकड़े
झपटमारी- एक जनवरी से 30 सितंबर तक नौ महीने में 4762 मामले दर्ज किए गए हैं. इस तरह रोजाना औसतन 18 दर्ज किए जा रहे हैं.
लूटपाट- राजधानी में बीते नौ माह में 1558 लूट के मामले दर्ज किए गए हैं. हर दिन औसतन ऐसी छह घटनाएं हो रही हैं.



