
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 69 साल के हो गए। इस मौके पर उन्होंने केवड़िया में सरदार सरोवर बांध पर मां नर्मदा की पूजा की। मोदी नमामि देवी नर्मदे महोत्सव में भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के साथ भी विकास किया जा सकता है। इसके बाद वे मां हीराबेन से मिले और उनके साथ खाना खाया। प्रधानमंत्री केवड़िया में जंगल सफारी, ईको-टूरिज्म पार्क और केक्टस गार्डन भी गए। इसके बाद वे बटरफ्लाई गार्डन गए, जहां उन्होंने तितलियों को उड़ाया।
‘प्रकृति हमारे लिए आराध्य’
मोदी ने कहा, ‘‘आज यह ऐसा अवसर है, जिसका लाभ मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात के लोगों और किसानों को होगा। हमारी संस्कृति में हमेशा माना गया है कि पर्यावरण की रक्षा करते हुए भी विकास हो सकता है। प्रकृति हमारे लिए आराध्य है। हमारा गहना है। मैं समझता हूं कि केवड़िया में पर्यटन और पर्यावरण का अद्भुत संगम हो रहा है।’’
‘सरदार सरोवर का 138 मीटर तक भरना अविस्मरणीय’
प्रधानमंत्री के मुताबिक, ‘‘सरदार पटेल ने जो सपना देखा था, वह दशकों बाद पूरा हो रहा है। वो भी उनकी प्रतिमा के ठीक सामने। हमने पहली बार सरदार सरोवर बांध को पूरा भरा देखा है। पहले पानी का स्तर 122 मीटर तक पहुंचने के लक्ष्य को बहुत बड़ा माना जाता था। 5 साल में ही सरदार सरोवर का 138 मीटर तक भर जाना अविस्मरणीय है। इस स्थिति तक हमें पहुंचाने के लिए लाखों लोगों का योगदान रहा है। साधु संतों की भूमिका रही है। अनेक सामाजिक संगठनों का साथ रहा है। आज का दिन उन लाखों लोगों का आभार व्यक्त करने का दिन है। ऐसे हर साथी को मैं नमन करता हूं।’’
‘‘आज तालाबों, झीलों और नदियों की साफ-सफाई का काम हो रहा है। आने वाले समय में बड़े स्तर पर पौधरोपण का कार्य होना है। यही वो प्रेरणा है जिसके बल पर जल जीवन मिशन आगे बढ़ने वाला है और जल संरक्षण का आंदोलन सफल होने वाला है।’’
‘कभी वॉटर ट्रेन चलाने की नौबत आ गई थी’
मोदी के मुताबिक, ‘‘कभी हमारी बहन बेटियों को पानी के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। लोग अपने पशुधन को लेकर सैकड़ों किमी चलकर पानी की संभावना वाली जगह चले जाने के लिए मजबूर हुआ करते थे। 2000 में गर्मियों में यह हालत हो गई थी कि हिंदुस्तान में पहली बार स्पेशल वॉटर ट्रेन चलाने की नौबत आ गई थी। आज जब उन पुराने दिनों को याद करते हैं तो अहसास होता है कि गुजरात कितना आगे निकल आया है।’’
‘‘आपने जब मुझे यहां का दायित्व दिया तो हमारे सामने दोहरी चुनौती थी, सिंचाई के लिए, बिजली के लिए डैम के काम को तेज करना था। दूसरा वैकल्पिक व्यवस्था का काम भी तेज करना था। लेकिन आप गुजरात के लोगों ने कभी हिम्मत नहीं हारी और सिंचाई की योजनाओं का एक व्यापक नेटवर्क गुजरात में खड़ा हो गया है। 17-18 सालों में सिंचाई का एरिया दोगुना हो गया है।’’
‘‘अभी कुछ दिनों पहले आईआईएम अहमदाबाद ने इस बारे में एक स्टडी की थी। इसमें सामने आया कि माइक्रो इरिगेशन, टपल सिंचाई के कारण ही गुजरात में पानी की 50% बचत हुई। 25% फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कम हुआ। 40% लेबर कॉस्ट कम हुई और बिजली की खपत कम हुई सो अलग।’’
‘केवड़िया टूरिज्म मैप पर आया’
मोदी ने कहा, ‘‘जब टूरिज्म की बात आती है तो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की बात भी आती है। इससे केवड़िया दुनिया के टूरिज्म मैप पर आ गया है। 11 महीनों में इसे देखने 23 लाख पर्यटक सरदार पटेल का स्टैच्यू देखने आ चुके हैं। हर दिन औसतन 8500 टूरिस्ट इसे देखने आते हैं। पिछले महीने जन्माष्टमी के दौरान यहां 34 हजार पर्यटक पहुंचे थे। अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को देखने के लिए 10 हजार लोग प्रतिदिन पहुंचते हैं। उसे बने हुए 133 साल हो चुके हैं, जबकि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बने हुए सिर्फ 11 महीने। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी यहां के युवाओं के लिए रोजगार का माध्यम भी बनती जा रही है।’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, इस नए भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व हम सभी के लिए प्रेरणा हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने देश नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आज विश्व में भारत की स्थिति काफी मजबूत है। इसमें मोदी का नेतृत्व काफी अहम रहा है।
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी को जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘वे दीर्घायु हों, स्वस्थ और खुश रहें।’’
मोदी के लिए बनाया 700 फीट लंबा केक
सरदार सरोवर बांध में नर्मदा नदी का जलस्तर अपनी क्षमता 138.68 मीटर के करीब पहुंच चुका है। सरदार सरोवर मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। बांध की नींव 1961 में पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रखी थी, लेकिन यह 56 साल बाद 2017 में बनकर तैयार हुआ। पिछले साल यह बांध कम बारिश के कारण आधा खाली रह गया था। उधर, सूरत की एक बेकरी मोदी के जन्मदिन के लिए 7000 किलो का 700 फीट लंबा केक बनाया। इसे ‘केक अगेंस्ट करप्शन’ नाम दिया गया है।



