दिल्ली

हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद दिल्ली में बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर

नई दिल्ली। हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से एक लाख 43 हजार(1,43,000) क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद दिल्ली में यमुना नदी के पानी का जलस्तर बढ़ गया है। जलस्तर बढ़ने से यमुना के किनारे खेत पानी में डूब गए हैं। हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुना नदी के आस-पास इलाकों में पानी भर गया है। हालांकि अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पायी है कि जलस्तर चेतावनी के निशान (204.00 सेमी) को पार कर गया है या नहीं।

दरअसल हर साल हरियाणा के हथनीकुंड बैराज से हर साल पानी छोड़ा जाता है। इसकी वजह से हर बार यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है। इसकी वजह से यमुना के तट पर बसे लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ता है। फिलहाल यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन सतर्क हो गया है। माना जा रहा है कि अगर हथनीकुंड बैराज से और पानी छोड़ा गया तो लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

2017 में जलस्तर हो गया था खतरे के निशान के पार
इससे पहले अगस्त 2017 में हरियाणा के हथनीकुंड से यमुना में 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जिसके बाद राजधानी में यमुना का जलस्तर चेतावनी के निशान (204.00 सेमी) को पार कर गया था। यमुना का जलस्तर बढ़ने से पुराने लोहे के पुल के आसपास बने घरों में यमुना का पानी पहुंच गया था।

यमुना का जलस्तर बढ़ते ही सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यमुना के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घर खाली करके सुरक्षित स्थानों पर चले जाने के लिए कहा था। विभाग के अधिकारी ने कहा था कि यमुना का जलस्तर बढ़ने की जानकारी पहले से ही थी, इसलिए विभिन्न माध्यमों से लोगों को पहले ही घर खाली करने की चेतावनी जारी कर दी गई थी। उन्होंने कहा था कि जलस्तर चेतावनी के निशान को पार कर गया है, लेकिन अभी खतरे वाली कोई बात नहीं है। विभाग ने बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी की हुई है, जब नदी का जलस्तर अत्यधिक खतरनाक स्तर 204.83 सेमी को पार करेगा, तब बाढ़ जैसे हालात बनेंगे।

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