
संवाददाता
नई दिल्ली । क्या दिल्ली पुलिस का जोर केवल आम लोगों और शिकायतकर्ताओं पर ही चलता है? आप यह बात सोचने पर मजबूर हो जाएंगे जब कल रात दिल्ली के एक थाने में हुई इस घटना के बारे में जानेंगे। मामला नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के वेलकम थाने का है, जहां पुलिस थाने के अंदर लॉ एंड ऑर्डर संभालने में पूरी तरह नाकाम रही।
पुलिस सूत्र ने बताया कि कल रात इलाके में हुई रोडरेज की घटना के बाद पुलिस दोनों पक्षों को थाने लाई थी। कुछ देर बाद एक पक्ष की ओर से वकीलों का झुंड थाने में घुसा। पुलिसवालों को जमकर गालियां दीं। किसी को धक्का दिया। एक पुलिसकर्मी को तो थप्पड़ तक मार दिया। थाने में मौजूद सभी पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहे। एसएचओ अपने कमरे से बाहर तक नहीं आए। एक महिला कॉन्स्टेबल ने थोड़ी हिम्मत दिखाई और पीसीआर कॉल कर कहा कि आरोपी को लॉकअप से खींचकर ले गए हैं, मगर इसके बावजूद मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया। मामला निपटाने के लिए मजबूरन दूसरे पक्ष को भी छोड़ दिया गया।
पुलिस सूत्र का कहना है कि कल रात हुई यह घटना थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद है, मगर फिर भी कोई एक्शन ना लेना दो बातों की ओर इशारा करता है। पहली बात या तो पुलिस ने जिसे लॉकअप में बंद किया था, वो पूरी तरह गैरकानूनी था्र इसलिए अब एक्शन लेने में डर है कि आखिर कैसे एक्शन लें। दूसरी बात यह हो सकती है कि पुलिस वकीलों से डर गई है, इसलिए मामला मैनेज कर दिया गया है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट आशीष मिश्रा ने मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
साल 2022 का वो केस आता है याद
इस मामले को देखते हुए 30 जुलाई 2022 का वो केस याद आता है, जब शाहदरा जिले के आनंद विहार थाने में कुछ वकीलों और लोगों ने वर्दी वाले एक हेड कॉन्स्टेबल की बेरहमी से पिटाई की गई थी। कुछ दिन बाद पिटाई का विडियो भी वायरल कर दिया गया था। तत्कालीन एसएचओ आनंद विहार ने वकीलों के साथ मिलकर मामला मैनेज कर दिया था, मगर सान्ध्य टाइम्स संवाददाता ने इस मामले को उठाकर प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद तत्कालीन डीसीपी शाहदरा आर.साथिया सुंदरम ने ना केवल मामले में केस दर्ज करवाया था, बल्कि सभी आरोपियों को जेल तक पहुंचाया था



