
संवाददाता
नई दिल्ली। भारत, रूस ने गुरुवार को प्रवासन और आसान आवाजाही से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों ने स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच वार्ता के बाद भारत, रूस ने बंदरगाह और पोत परिवहन क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में भारत–रूस साझेदारी के कई प्रमुख आयामों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा दोनों देशों के रिश्ते की एक मजबूत और अहम नींव रही है। सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में दशकों से जारी सहयोग ने दोनों देशों की स्वच्छ ऊर्जा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और यह “विन–विन” साझेदारी आगे भी जारी रहेगी। मोदी ने यह भी कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग वैश्विक सप्लाई चेन को सुरक्षित और विविध बनाने में सहायक होगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और नई तकनीकी उद्योगों में दोनों देशों की साझेदारी को मजबूती मिलेगी। आइए जानते हैं वो 5 बड़ी बातें, जो पीएम मोदी ने पुतिन के साथ बैठक के बाद कही।
1. पीएम मोदी ने जहाज निर्माण में गहरे सहयोग को मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने वाला तत्व बताया, जो रोजगार, कौशल और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
2. आर्थिक सहयोग को आगे ले जाने के लिए दोनों देशों द्वारा विज़न 2030 दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए गए। प्रधानमंत्री ने बताया कि वे दोनों नेता इंडिया–रूस बिज़नेस फ़ोरम में हिस्सा लेंगे, और यह मंच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देगा, साथ ही सह-उत्पादन और सह-नवाचार के अवसरों का विस्तार करेगा। दोनों देश यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को साकार करने के लिए भी नए कदम उठा रहे हैं।
3. मोदी ने कहा कि दुनिया ने पिछले आठ दशकों में कई उतार–चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत–रूस की मित्रता ध्रुव तारे की तरह स्थिर और मार्गदर्शक रही है। यह रिश्ता पारस्परिक सम्मान और भरोसे पर बना है, और आज हुई बातचीत में उन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई जो इस संबंध को और मजबूत करेंगी।
4. प्रधानमंत्री ने पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि 23वें भारत–रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में उनका आना खुशी की बात है। उन्होंने याद दिलाया कि 25 साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने इस रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी।
5. मोदी ने कहा कि 2010 में इस साझेदारी को “स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” का दर्जा दिया गया था, और पुतिन ने पिछले ढाई दशकों में अपने नेतृत्व और दृष्टि से इस रिश्ते को लगातार पोषित किया है। हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने भारत–रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। मोदी ने उन्हें ‘प्रिय मित्र’ कहते हुए गहरी मित्रता और भारत के प्रति उनके अटूट समर्पण के लिए आभार व्यक्त किया।पीएम मोदी ने कहा कि ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन में हमारी स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटजिक पार्टरनशिप का दर्जा मिला। आज भारत और रूस के 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक मिसाल के दौर से गुजर रहे हैं।
यूक्रेन संघर्ष पर ये बोले पीएम मोदी
भारत-रूस समिट के बाद पीएम मोदी ने कहा कि पच्चीस साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी विशेष रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। 2030 तक दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग का नया प्रोग्राम बनाया है। दोनों देश कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर शांति के लिए भारत अपना योगदान देता रहा है और देता रहेगा।
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भारत-रूस गांधी के बताए रास्ते पर आगे बढ़ रहे, पुतिन ने रूसी भाषा में बापू के लिए लिखी खास बात
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को राजघाट पहुंचे, जहां पर उन्होंने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित किया। इस दौरान पुतिन ने राजघाट पर विज़िटर्स बुक पर साइन किया, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। पुतिन ने रूसी भाषा में लिखा कि आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी एक महान मानवतावादी थे। दुनिया में शांति कायम करने में उनका योगदान बहुत मूल्यवान रहा है।



