
संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के 12 वार्ड का उपचुनाव संपन्न होने के बाद राजधानी की सियासत में समीकरण बदलने का सिलसिला शुरू होता दिख रहा है. दरअसल, उपचुनाव में हॉट सीट रही चांदनी महल का चुनाव परिणाम आते ही पूर्व पार्षद और आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक आले मोहम्मद इकबाल ने बगावती तेवर दिखा दिए हैं. जबकि उनके पिता शोएब इकबाल की बगावत के बाद अभी तक आले इकबाल आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ कुछ भी नहीं बोले थे.
हार के बाद फूटा गुस्सा
चांदनी महल के काउंटिंग सेंटर पर ही आले इकबाल ने आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और अन्य के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. साथ ही ये भी साफ कर दिया कि मैं विधायक पद से इस्तीफा नहीं दूंगा. आम आदमी पार्टी को जो कार्रवाई मेरे ऊपर करनी हो वो करे. पार्टी स्वतंत्र है, अपना निर्णय ले.
आले ने कहा कि मैं पिछले 20-25 दिन से चुनाव की वजह से चुप था. इन लोगों ने मेरे पिता के बारे में क्या क्या नहीं बोला. इनको ये नहीं पता है कि पुरानी दिल्ली और मटिया महल में शोएब इकबाल के बिना कुछ नहीं है. उनका बेटा होने के अलावा मेरी भी खुद की यहां कोई औकात नहीं है. अगर मुझे उनका आशीर्वाद नहीं मिलता तो मैं भी यहां विधायक नहीं बन सकता.
आले ने कहा कि शोएब इकबाल इस इलाके के लोगों के दिलों पर 32 साल से राज करते हैं. अब आले इकबाल के इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि वो भी आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल की राह पर ही चलेंगे. आम आदमी पार्टी भी नहीं छोड़ेंगे और विधायक पद से इस्तीफा भी नहीं देंगे. जिस तरह से स्वाति मालीवाल ने बदसलूकी और मारपीट के बाद लगातार बागी तेवर अपना रखे हैं, लेकिन, अभी तक न आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दिया और न ही राज्यसभा सीट से. लेकिन, वह लगातार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ करीब डेढ़ साल से मोर्चा खोले हुए हैं.
विधानसभा चुनाव में भी स्वाति मालीवाल ने आम आदमी पार्टी के काम काज को लेकर जमकर सवाल उठाए थे. साथ ही जगह-जगह जाकर के दिल्ली की बदहाल कालोनियों के हालात को लोगों को दिखाया था. इसका आप को विधानसभा चुनाव में नुकसान भी उठाना पड़ा. स्वाति मालीवाल लगातार आम आदमी पार्टी के खिलाफ पिछले डेढ़ साल से काम कर रही हैं. AAP ने भी अभी तक उनको पार्टी से नहीं निकाला है.
सांसद स्वाति के बाद अब विधायक आले मोहम्मद भी इसी राह पर चल सकते हैं ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है. आले मोहम्मद ने अपने इस्तीफा ना देने की वजह बताते हुए कहा कि अगर मैं इस्तीफा दे दूंगा तो मटिया महल सीट खाली तो हो जाएगी लेकिन, भाजपा उस पर उपचुनाव कराएगी यह जरूरी नहीं है. भाजपा चुनाव आयोग से मिलकर मटिया महल में उपचुनाव नहीं कराएगी. महाराष्ट्र में बीजेपी ने चार साल से निगम के चुनाव नहीं होने दिए. इससे लोगों के काम रुक जाएंगे. लोग मेरे ऑफिस जिन कामों के लिए आते हैं मैं उनके काम भी नहीं कर पाऊंगा. मेरी पावर खत्म हो जाएगी अगर विधायक नहीं रहूंगा तो. मेरे इलाके के लोग परेशान होंगे. इसलिए इस्तीफा नहीं दूंगा. विधायक रहते हुए अपने लोगों की सेवा करूंगा.
आले ने कहा कि सौरभ भारद्वाज 20 दिन से ज्यादा समय तक यहां चांदनी महल में शोएब इकबाल को हराने के लिए पड़े रहे. इतनी मेहनत अगर ग्रेटर कैलाश में कर लेते तो अपना चुनाव नहीं हारते. इनके नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया जब से चुनाव हारे थे तब से शोएब इकबाल की राजनीति खत्म करने का प्लान बना रहे थे. इनको इस बात से चिढ़ है कि आखिर मैं यहां से चुनाव कैसे जीत गया.
मटिया महल से निकला हुआ शेर बल्लीमारान तक जाएगाः आले मोहम्मद इकबाल
आले मोहम्मद इकबाल ने यह ऐलान भी किया कि यह मटिया महल से निकला हुआ शेर बल्लीमारान तक जाएगा. इससे उनका साफ इशारा आम आदमी पार्टी के कब्जे वाली बल्लीमारान विधानसभा सीट की ओर था. यानि कि वह और उनके पिता शोएब इकबाल ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के बैनर तले उसके चुनाव चिन्ह शेर की तरह दहाड़ते हुए बल्लीमारान सीट को आगे जीतने के लिए काम करेंगे.
आले मोहम्मद इकबाल से पहले शोएब इकबाल ने भी यह ऐलान कर दिया था कि शेर का अगला हमला बल्लीमारान पर होगा. दरअसल, बता दें कि बल्लीमारान से AAP विधायक और पूर्व मंत्री इमरान हुसैन ने चांदनी महल के उपचुनाव में पूरा जोर लगाते हुए शोएब इकबाल की खिलाफत की थी.
शोएब इकबाल का यह भी आऱोप है कि इमरान हुसैन के कहने पर ही सौरभ भारद्वाज ने उनके द्वारा समर्थित प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया. इसलिए अब उनकी सीधी अदावत इमरान हुसैन से है. इमरान हुसैन ने चांदनी महल उपचुनाव के बीच में ही शोएब इकबाल को 2015 में चुनाव हराने वाले और उनके विरोधी आसिम अहमद खान को आम आदमी पार्टी में शामिल करा दिया था. साथ ही खुद भी हर जनसभा में मौजूद रहकर आम आदमी पार्टी को जिताने के लिए पूरा जोर लगाया था. शोएब इकबाल और आले इकबाल के तेवरों से साफ है कि आम आदमी पार्टी को आने वाले समय में मटिया महल और बल्लीमारान विधानसभा क्षेत्रों में और नुकसान हो सकता है.



