
संवाददाता
पटना। बिहार विधानसभा के नए स्पीकर के तौर पर बीजेपी के सीनियर लीडर प्रेम कुमार को निर्विरोध चुन लिया गया है. प्रेम कुमार ने आज मंगलवार को सदन में स्पीकर की कुर्सी भी संभाल ली. रिकॉर्डतोड़ जीत के साथ विधानसभा पहुंचे प्रेम के नाम को लेकर विपक्ष का भी समर्थन रहा. विपक्ष ने उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा. प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने सदन को सूचित किया कि स्पीकर पद के लिए प्रेम कुमार ही एकमात्र उम्मीदवार थे.
पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार पिछले महीने बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में गया जिले की गया टाउन सीट से लगातार 9वीं बार चुनकर विधानसभा पहुंचे. डॉ. प्रेम कुमार ने स्पीकर पद के लिए कल सोमवार को नामांकन दाखिल किया था. सदन के स्पीकर चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उन्हें बधाई दी.
प्रेम कुमार अति पिछड़ा वर्ग के दमदार नेता
प्रेम कुमार अति पिछड़ा वर्ग (Economically Backward Class) के दमदार नेता के रूप में गिने जाते हैं. वह 2005 से 2024 तक बिहार सरकार में कृषि, पथ निर्माण, नगर विकास, पर्यावरण और सहकारिता समेत कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
साल 2025 के चुनाव में प्रेम कुमार ने कांग्रेस के ओंकार नाथ को 26 हजार से भी अधिक मतों से हराया. चुनाव में उन्हें 90,878 वोट मिले थे जबकि ओंकार के खाते में 64,455 वोट ही आए.
मेरे लिए सरकार और विपक्ष दोनों समानः प्रेम
18वीं विधानसभा का स्पीकर चुने जाने के बाद दोनों उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राजू तिवारी, कांग्रेस विधायक दल के नेता मनोहर सिंह, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा की दीपा मांझी, एआईएमआईएम के विधायक अख्तरूल ईमान ने भी उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं.
बिहार विधानसभा का स्पीकर चुने जाने के बाद डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा कि स्पीकर के रूप में मेरा कर्तव्य होगा कि सदन के संचालन के नियमों का पालन करते हुए सभी सदस्यों के अधिकारों का पालन हो. जरूरी है कि विचारों के विविधता के बीच संवाद को बढ़ाएं. हमें जनता की सेवा का मौका मिला है. मेरे लिए सरकार और विपक्ष दोनों समान रूप से होंगे.
9 बार से लगातार जीत रहे प्रेम कुमार
प्रेम कुमार 3 दशक से भी ज्यादा समय से राजनीति में एक्टिव हैं और उन्हें विधानसभा चुनाव में एक बार फि शिकस्त नहीं मिली है. वह गयाजी टाउन सीट से पहली बार 1990 में विधायक बने थे. फिर वह 1995, 2000, 2005 (फरवरी और अक्टूबर) में इस सीट से विधायक चुने गए.
साल 2010 के चुनाव में गयाजी टाउन सीट से अपनी लगातार पांचवीं जीत का रिकॉर्ड बनाया. वह 2015 के चुनाव में भी विजयी हुई जब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) बीजेपी के साथ मैदान में नहीं उतरी थी. जेडीयू पार्टी इस चुनाव में आरजेडी के साथ महागठबंधन का हिस्सा थी. साल 2020 में जेडीयू की वापसी एनडीए में हो गई और गयाजी टाउन सीट से प्रेम कुमार रिकॉर्ड 8वीं बार विजयी हुए. और अब 2025 में भी उन्होंने यह सीट अपने पास बरकरार रखी.
पहले MLA बने फिर हासिल की PHD की डिग्री
राजनीति में आने के बाद भी वह पढ़ाई भी करते रहे. 2 बार विधायक बनने के बाद चंद्रवंशी समाज (पालकी ढोने वाली कहार जाति) से आने प्रेम कुमार ने साल 1999 में मगध यूनिवर्सिटी से इतिहास में पीएचडी की डिग्री हासिल की.
गया जिले की टाउन सीट से लगातार 9 बार से विधायक चुने गए हैं. एनडीए सरकार में उन्हें कई बार मंत्री भी बनाया गया. संपत्ति की बात की जाए, तो उनके पास 13 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. इसके अलावा उनके ऊपर 18 आपराधिक मुकदमे भी दर्ज हैं.
प्रेम छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे. अपनी पढ़ाई के दौरान वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए थे. फिर उन्होंने 80 के दशक में वह बीजेपी में आ गए और तब से वह इसी पार्टी के साथ बने हुए हैं.
बीजेपी के पाले में बड़े पद
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार बीजेपी का कब्जा रहा है. शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी रिकॉर्ड 89 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. जबकि जेडीयू 85 सीटों के साथ जीतकर आई. यही वजह है कि इस बार सरकार में बीजेपी कहीं ज्यादा पावर में नजर आ रही है.
बीजेपी के खाते में दो डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा हैं. गृह विभाग भी बीजेपी के कब्जे में है और अब विधानसभा स्पीकर भी बीजेपी का हो गया है. इससे साफ है कि बीजेपी इस बार प्रदेश में अलग भूमिका में है.



