
संवाददाता
नई दिल्ली। भारत लंबे समय तक अत्याधुनिक राइफल्स, स्नाइपर राइफल्स व प्रीमियम असॉल्ट हथियार रूस, इसराइल, स्वीडन, जापान और कई यूरोपीय देशों से खरीदता रहा है, लेकिन अब समय के साथ तस्वीर बदल रही है। भारत ने मेक-इन-इंडिया व आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत विदेशी हथियारों पर निर्भरता को तेजी से कम किया है।
दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ ) में एडवांस्ड वेपन एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड ने ये साबित कर दिया कि भारत न केवल विदेशी हथियारों का विकल्प तैयार कर चुका है, बल्कि अब कई सेगमेंट में उनसे मुकाबला करने की क्षमता भी हासिल कर चुका है।
पहले यह हथियार हम रूस, इसराइल, स्वीडन जैसे देशों से भारी कीमत पर लाए जाते थे। अब वही तकनीक व उससे बेहतर फायर पावर वाले हथियार भारत में बन रहे हैं।
एडवांस्ड वेपन एंड इक्विपमेंट्स, इंडिया लिमिटेड की तरफ से बनाए जा रहे अत्याधुनिक हथियार का इस्तेमाल फोर्स से लेकर स्टेट पुलिस तक कर रही है। ट्रेड फेयर में इन सभी हथियारों का रोमांचकारी प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शित हथियारों में 1200 मीटर तक दुश्मन को मार गिराने वाली स्नाइपर राइफल्स भी है जिसकी अभी टेस्टिंग चल रही है। बहुत जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद हमारी पुलिस और फोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी। पहले इस कैटेगरी की स्नाइपर राइफल्स भारत को रूस और इसराइल जैसे देशों से खरीदनी पड़ती थीं। कम दूरी के लक्ष्य और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस में भारत लंबे समय तक रूस की एके सीरीज जैसे हथियारों पर निर्भर रहा, लेकिन त्रिची असॉल्ट राइफल उसी श्रेणी का स्वदेशी हथियार विकल्प बनकर उभरी है। कंपनी के पंडाल में इनका प्रदर्शन सबको आकृषित कर रहा है।
पहले लंबी दूरी की स्नाइपर रूस/इसराइल से खरीदी जाती थी। कम दूरी पर मार वाली राइफल्स रूस से आयात होती थी। प्रीमियम राइफल यूरोपीय देशों से ली जाती थी। वहीं, स्पेशल असॉल्ट हथियार स्वीडन/जापान जैसे देश से खरीदी जाती थी। लेकिन इन सभी श्रेणियों में अब भारतीय विकल्प तैयार हैं। इससे हथियारों के लिए भारत की दूसरे देशों पर आत्मनिर्भरता खत्म हो रही है।



