
गाजियाबाद। कांवड़ यात्रा शुरू होने में महज एक सप्ताह का समय बाकी रह गया है। लेकिन अभी तक भी मेरठ रोड को दुरूस्त करने का काम शुरू नहीं किया गया है। हालांकि डीएम रितु माहेश्वरी ने हर हाल में 15 जुलाई तक कांवड़ मार्ग को ठीक करने के निर्देश नगर निगम सहित अन्य विभागों को जारी किए हैं। लेकिन मेरठ रोड का हाल बेहाल है। खुले नाले, जगह-जगह गंदगी के ढेर, निर्माण सामग्री, जर्जर तारों व अतिक्रमण से रोड घिरा हुआ है। ऐसे में अगले सप्ताह से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा कहीं कांवडिय़ों के लिए मुश्किलों का सबब न बन जाएं।
बता दें कि हरिद्वार से जल लेकर आने वाले शिवभक्त कांवडिय़ों के लिए मेरठ रोड मार्ग सबसे प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग से स्थानीय ही नहीं बल्कि राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों के कांवडिय़ां होकर गुजरते हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान पूरा मेरठ मार्ग शिवमय नजर आने लगता है। यात्रा के दौरान कांवडिय़ों को कोई समस्या न हो इसके लिए जिला प्रशासन के जिम्मे तमाम व्यवस्थाएं कराने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन महज राजनगर एक्सटेंशन से मेरठ तिराहे तक ही नजर डाल ली जाए तो पता चलता है कि प्रशासन कांवड़ यात्रा के लिए कितना तैयार है।
मेरठ मार्ग के एक ओर बड़ा नाला गुजरता है जो पूरी तरह से खुला हुआ है। जहां-जहां दुकान बनी हैं, वहीं से नाला पटा हुआ है बाकी जगहों पर खुला होने की वजह से वहां कूड़े का अच्छा-खासा ढेर भी लगा हुआ है। नाला सड़क से बिल्कुल सटा होने के कारण कांवडिय़ों की भीड़ होने से यहां हादसे का खतरा बना रहेगा। वहीं आसपास घासफूस भी इतना अधिक बढ़ गया है कि वहां मच्छर या अन्य जीवों के रहने का खतरा है।
हाल ही में पावर कॉरपोरेशन को भी जर्जर तारों को बदलने, खुले ट्रांसफार्मर को जाली से कवर करने के निर्देश भी दिए गए थे। लेकिन मेरठ रोड पर ट्रांसफार्मर खुले में तो रखे ही हैं साथ ही उसका नीचे कूड़े का ढेर लगा होने से स्थिति बेहाल बनी हुई है। इन दिनों बारिश का मौसम है, लेकिन मेरठ रोड पर जलनिकासी की कोई पुख्ता इंतजाम न होने से पानी जमाव होने से संक्रमित बीमारियों का खतरा रहेगा। राजनगर एक्सटेंशन चौराहे पर बन रहे फ्लाईओवर की वजह से निर्माण सामग्री भी सड़क पर फैली हुई है।
बंद पड़े हैं शौचालय
मेरठ रोड पर स्वच्छता अभियान के तहत बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों की हालात बेहद खराब है। डीपीएस कट के पास बने सार्वजनिक शौचालय काफी दिनों से बंद पड़ा है। शौचालय को खूबसूरत बनाने के लिए उसपर गमलों की दीवार लगाई गई थी, जिसमें पौधे लगाए गए थे। लेकिन उचित देखरेख के अभाव में एक भी पौधा नहीं बचा। उल्टे शौचालय को ही बंद कर दिया गया। शौचालय में लगाए एसी, पंखे आदि भी निकाल लिए गए। महिला व पुरूष शौचालय अलग-अलग बनाए गए थे। लेकिन अब इस शौचालय के पास गाडिय़ां खड़ी होती हैं या फिर गंदगी का ढेर लगा होता है। लाखों की संख्या में आने वाले कांवडिय़ों के लिए अस्थाई रूप से टॉयलेट बनाए जाते हैं लेकिन पहले से ही मौजूद हैं उनमें ताला जड़ा हुआ है।
फुटओवर ब्रिज के नीचे बन गए रहने के ठिकाने
मेरठ तिराहे के पास बनाए गए फुटओवर ब्रिज का वैसे तो इस्तेमाल बेहद कम होता है। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान स्थानीय लोग मार्ग बंद होने की वजह से एक से दूसरी ओर जाने के लिए इस ब्रिज का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ब्रिज के एक ओर सीढिय़ों पर झोंपडिय़ां बनने से मार्ग बंद है तो दूसरी ओर रोड़ी, बदरपुर पड़े होने से आने-जाने का रास्ता बंद पड़ा है। ऐसे में लोगों को इस बार सड़क पार करने में भी खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
खुले हैं अवैध कट
मेरठ रोड पर अवैध कटों को बंद करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा। जगह-जगह वाहन चालकों ने अपनी सुविधा के अनुसार डिवाइडर तोड़ दिए हैं। ऐसे में यात्रा के दौरान इन सभी अवैध कटों को बंद रखना जरूरी होगा ताकि वाहनों का आवागमन एक से दूसरी ओर न हो सके। ऐसे दर्जन भर अवैध कट हैं।



