
संवादददाता
सहारनपुर । दिल्ली के लाल किले में ब्लास्ट के बाद ATS ने यूपी के सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद को भी गिरफ्तार किया है. जो सहारनपुर के अस्पताल में 5 लाख की सैलरी लेकर मरीजों की सेवा करने के साथ आतंक की डॉक्टर ब्रिगेड के लिए भी काम करता था. ऐसा माना जाता है. डॉ. आदिल की गिरफ्तारी के बाद विभिन्न स्थानों पर एक के बाद एक बड़े खुलासे हो रहे हैं.
जांच में पता चला है कि डॉ. आदिल के किराए के मकान में 8 लोग आते थे. ये लोग कौन थे? सुरक्षा एजेंसियां अब इसकी जांच करने में जुट गई हैं. हालांकि उनके साथ काम करने वाले स्थानीय डॉक्टर बाबर, डॉ. आदिल के व्यवहार को अच्छा बताते हैं. उनका कहना है कि फेमस अस्पताल में वे ड्यूटी पर समय पर आते और सभी मरीज देखकर ही घर जाते थे. व्यवहार से कभी ऐसा नहीं लगा कि डॉ. अदिल आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हो सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक एसटीएस ने डॉ. आदिल के करीबी 7 डॉक्टरों से भी पूछताछ की है. एजेंसियां उनके बैंक खातों और मोबाइल कॉल डिटेल्स खंगाल रही हैं. डॉ. आदिल मूल रूप से कश्मीर के कुलगाम जिले के गांव वानपुरा के रहने वाले हैं. उन्होंने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने अनंतनाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम किया.
मार्च 2025 में सहारनपुर के अस्पताल को डॉ. आदिल ने किया था ज्वाइन
हालांकि 2024 में उन्होंने अनंतनाग सरकारी अस्पताल से इस्तीफा दे दिया और सहारनपुर चले आए. जहां डॉ. आदिल ने पहले VBROS हॉस्पिटल और उसके बाद मार्च 2025 से सहारनपुर के अम्बाला रोड स्थित फेमस अस्पताल में मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में 4 अक्टूबर को हुई थी डॉ. आदिल की शादी
डॉ. आदिल के साथ काम करने वाले डॉ. बाबर ने बताया कि डॉ. आदिल से उनकी पहचान अस्पताल में आने पर ही हुई थी. डॉ. आदिल सुबह से शाम 7 बजे तक अस्पताल में काम करते थे. 4 अक्टूबर को आदिल की जम्मू-कश्मीर में शादी थी वे भी उसकी शादी में शामिल हुए थे.
शादी में भी कोई ऐसी चीज उन्हें नजर नहीं आई जो संदिग्ध हो. डॉ आदिल ने डॉ. बाबर और डॉ. असलम जैदी समेत 4 मुस्लिम डॉक्टरों को शादी के कार्ड दिए थे. लेकिन, अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज मिश्रा को आमंत्रित नहीं किया था.
डॉ. आदिल हनीमून पर जाने की तैयारी में थे
फेमस अस्पताल के प्रशानिक अधिकारी डॉ. असलम जैदी ने बताया कि शादी के 27 दिन बाद डॉ. आदिल 1 नवंबर को अपनी ड्यूटी पर लौट आए. वह अपने हनीमून पर जाने की तैयारी कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें 6 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार, डॉ. आदिल के भाई भी डॉक्टर हैं और उनकी पत्नी रुकैया एक सर्जन बताई जा रही हैं.
जम्मू-कश्मीर के नौगाम में 17 अक्टूबर को लगे थे पोस्टर
सूत्रों के मुताबिक डॉ. आदिल ने जांच एजेंसियों को बताया कि 17 अक्टूबर को मौलवी इरफान ने नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पोस्टर लगाए. पोस्टर लगाने वालों में नौगाम निवासी आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार शामिल थे. ये सभी सीसीटीवी कैमरों में कैद हुए. 19 अक्टूबर को श्रीनगर पुलिस ने मामला दर्ज किया.
जम्मू-कश्मीर में आदिल के कहने पर लगे थे पोस्टर
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के एसएसपी संदीप चक्रवर्ती के नेतृत्व में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. सूत्रो के अनुसार पूछताछ में पता चला कि पोस्टर मौलवी इरफान और डॉ. अदिल के कहने पर लगाए गए थे. पुलिस ने मौलवी इरफान को गिरफ्तार कर लिया.
उसकी सूचना के आधार पर जमीर अहमद अहंगर को भी गिरफ्तार कर लिया गया. जब पुलिस डॉ. आदिल के घर पहुंची तो उन्हें पता चला कि वह 1 नवंबर को सहारनपुर चले गए. 6 नवंबर को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) की मदद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अदिल को सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया.
आदिल ने डॉक्टरी पेशे पर लगाए बदनुमा दाग
डॉ बाबर ने बताया कि उन्हें आदिल पर जरा भी शक नहीं था. लेकिन, उसने धरती के भगवान कहे जाने वाले पेशे पर बदनुमा दाग लगाए हैं, जो माफी के लायक नहीं है. ऐसे इंसान को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. जब पुलिस आदिल को



