
संवाददाता
श्रीनगर । दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट के कुछ दिनों बाद, जम्मू-कश्मीर में पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी में छापेमारी और अन्य आतंकवाद-रोधी अभियान तेज कर दिए हैं. 1000 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें ओवरग्राउंड वर्कर (OGW), समर्थक, जमात-ए-इस्लामी (JeI) जैसे प्रतिबंधित संगठनों के सदस्य और पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के रिश्तेदार शामिल हैं.
पुलिस ने बताया कि अकेले कुलगाम से ही लगभग 500 लोगों को पकड़ा गया, जो 2019 तक उग्रवाद का केंद्र था. एक प्रवक्ता ने बताया, “पिछले चार दिनों में कुलगाम ज़िले में 200 से ज़्यादा जगहों पर छापे मारे गए, जिससे आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल उपकरण ज़ब्त किए गए.” उन्होंने कहा, “प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लगभग 500 लोगों से पूछताछ की गई. कई लोगों को ज़मानत मिल गई, जबकि कुछ को तोड़फोड़ विरोधी कानूनों के तहत अनंतनाग की ज़िला जेल मित्तन में स्थानांतरित कर दिया गया.”

बारामूला में छापेमारीः
सोपोर पुलिस ने एक बयान में कहा कि ये अभियान एहतियाती और खुफिया जानकारी पर आधारित थे, जिनका उद्देश्य शांति बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना था कि कोई भी संगठन या व्यक्ति स्थानीय आबादी का शोषण न करे. बयान में आगे कहा गया, “यह प्रतिबंधित संगठनों और आतंकवादी नेटवर्क से जुड़े सभी तत्वों के खिलाफ अभियान जारी रखने के पुलिस के दृढ़ संकल्प का भी हिस्सा है.”

शोपियां में कार्रवाईः
दक्षिण कश्मीर के शोपियां ज़िले में भी बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई, जिसमें नदीगाम के डॉ. हमीद फ़याज़ और चित्रगाम के मुहम्मद यूसुफ़ फलाही समेत जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं के घरों को निशाना बनाया गया. सूत्रों के अनुसार, “संवेदनशील ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद आतंकवाद-रोधी अभियान के तहत ये अभियान शुरू किए गए.”

दिल्ली विस्फोट के बाद अलर्टः
दिल्ली विस्फोट के बाद, पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर है. जांचकर्ता कश्मीर से संभावित संबंधों का पता लगा रहे हैं. ताज़ा घटनाक्रम में, जम्मू-कश्मीर के एक सरकारी तृतीयक देखभाल अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. डॉ. तजामुल अहमद मलिक दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले के निवासी हैं और श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल (एसएमएचएस) में कार्यरत थे.



