
संवाददाता
हैदराबाद । तेलंगाना के रेवंत रेड्डी मंत्रिमंडल में कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन को जगह मिल सकती है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन अब भाजपा ने अजहरुद्दीन को मंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
आचार संहिता का घोर उल्लंघन बताया
भाजपा ने गुरुवार (30 अक्तूबर) को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन को राज्य मंत्रिमंडल में शामिल करने के प्रस्ताव को आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन बताया गया, हालांकि आदर्श आचार संहिता पूरे शहर पर लागू नहीं होती।
जुबली हिल्स उपचुनाव पर पड़ेगा असर-भाजपा
पार्टी ने दावा किया है कि यह 11 नवंबर को होने वाले जुबली हिल्स उपचुनाव से पहले अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण है. भाजपा ने अपने ज्ञापन में कहा कि उनके (अजहरुद्दीन) शामिल होने से जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। भाजपा की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया, “यह प्रस्ताव आगामी जुबली हिल्स उपचुनावों में मतदाताओं के एक वर्ग को लुभाने और उनके वोट हासिल करने के अलावा और कुछ नहीं है। इस स्तर पर यह प्रस्ताव आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है। हालांकि आदर्श आचार संहिता पूरे हैदराबाद शहर पर लागू नहीं होती, फिर भी मुख्यमंत्री द्वारा की गई कोई भी कथित घोषणा जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।”
सूत्रों के अनुसार पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को तेलंगाना मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है। हालांकि सरकार, कांग्रेस पार्टी या क्रिकेटर से राजनेता बने अजहरुद्दीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि अजहरुद्दीन ने 2023 में जुबली हिल्स क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा।
तेलंगाना कैबिनेट में तीन और सदस्यों को जगह
गौरतलब है कि अभी तेलंगाना मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी समेत 15 सदस्य हैं। अल्पसंख्यकों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। वहीं कैबिनेट में तीन और सदस्यों को शामिल करने की गुंजाइश है। बताया जा रहा कि तेलंगाना कांग्रेस ने पार्टी हाईकमान से अजहरुद्दीन को कैबिनेट में लेने का अनुरोध किया था, जिसे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने मंजूरी दे दी है।
वहीं यह कदम को जुबली हिल्स उपचुनाव के लिए अहम माना जा रहा, जहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार को होने की संभावना है। अजहरुद्दीन को अगस्त में राज्यपाल कोटे से एमएलसी के रूप में नामित किया गया था।



