
नरेन्द्र भल्ला
नई दिल्ली । इस बार बिहार चुनाव दिलचस्प व मनोरंजक होने के आसार नजर आ रहे हैं। बीजेपी,जेडीयू समेत विपक्षी दल भी भोजपुरी फिल्मी सितारों को चुनाव लड़वाने की कवायद में जुट गए हैं। जातिगत समीकरण के अलावा ये भी नापा-तौला जा रहा है कि ऐसे हेवीवेट सितारे को सियासी कुश्ती लड़वाई जाये, जो खुद जीतने के साथ ही आसपास की विधानसभा सीटों के वोटरों पर भी पार्टी के पक्ष में असर डाल सके। इस लिहाज़ से फिलहाल बीजेपी सबसे आगे नजर आ रही है।
उधर, दिल्ली की सत्ता से बेदखल होने के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने भी बिहार-चुनाव में अपनी ताल ठोककर विपक्षी खेमे में खलबली मचा दी है। AAP ने पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करके सियासी समीकरण को और पेचीदा कर दिया है। पार्टी 11 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर चुकी है और जल्द ही दूसरी और तीसरी लिस्ट भी जारी करने वाली है।
हालांकि फिलहाल ये तय नहीं हुआ है कि “आप” महागठबंधन का हिस्सा बनेगी या नहीं। लेकिन इससे प्रशांत किशोर यानी पीके की बेचैनी जरुर थोड़ी बढ़ गई है क्योंकि राज्य में आप का जो काडर उनसे जुड़ा था,वह फिर से केजरीवाल के साथ वापस आ सकता है। आप की बिहार इकाई के कुछ लोकप्रिय कार्यकर्ताओं के पीके के साथ जाने की बड़ी वजह ये थी कि आम आदमी पार्टी ने 2020 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी उसने बिहार में किसी को भी उम्मीदवार नहीं बनाया था। ऐसी सूरत में,आप से जुड़े लोगों के पास पीके के साथ जाने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था क्योंकि दोनों की राजनीति का मॉडल लगभग एक जैसा ही है।
दरअसल, प्रशांत किशोर का जन सुराज मॉडल राजनीति का वही पैटर्न पेश कर रहा था जो AAP का मूल मॉडल यानी जनता से जुड़ी, साफ-सुथरी और मुद्दा आधारित राजनीति पर फोकस रखना। पार्टी के कुछ नेता भी मान रहे हैं कि PK फैक्टर यानी प्रशांत किशोर का असर ही AAP को बिहार चुनाव में उतरने का फैसला लेने की असली वजह बना। आप की बिहार इकाई के अध्यक्ष राकेश यादव के मुताबिक ये फैसला बिहार के वोटरों को ‘विकल्प वाली राजनीति’ दिखाने के लिए लिया गया है।

वैसे इस चुनाव में फिल्मी तड़का लगाने के लिये भोजपुरी सितारों और नेताओं की सियासी खिचड़ी पकाने में बीजेपी सबसे आगे दिख रही है। पावरस्टार पवन सिंह के बाद जानी मानी भोजपुरी स्टार अक्षरा सिंह ने भी मंगलवार को बेगूसराय से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह से मुलाकात की है। गौरतलब है कि बीते दिनों ही पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद बीजेपी को ज्वाइन किया था। उधर, लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने भी ऑफर मिलने पर बीजेपी से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जताई है। चुनावी सीजन में अक्षरा और गिरिराज की मुलाकात के बाद कई तरह के सियासी कयास लगाए जा रहे हैं। ज़ाहिर है कि सुरक्षित सीट तलाशने को लेकर ही दोनों में चर्चा हुई होगी।
गिरिराज सिंह से मुलाकात के बाद अक्षरा सिंह ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- आज माननीय गिरिराज सिंह जी से शिष्टाचार मुलाकात की और आशीर्वाद मिला। इस पर यूजर्स कई तरह के कयास लगा रहे हैं।
बता दें कि अक्षरा सिंह साल 2023 में अपने पिता के साथ प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज के मंच पर नजर आईं थी। तब उन्होंने पीके की जमकर तारीफ भी की थी और ये कयास लगाए गये थे कि वह जनसुराज पार्टी जॉइन कर सकती हैं। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। लेकिन अब अगर वे बीजेपी में शामिल होती हैं,तो बिहार के वोटरों को चुनाव के साथ मनोरंजन के तड़के का स्वाद मिलने की उम्मीद करनी चाहिये।



