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15 साल पहले हुई हत्या के मामले में पूर्व बसपा पार्षद मनीष पंडित को साथी समेत उम्रकैद की सजा

संवाददाता

गाजियाबाद। राम नगर कॉलोनी में नरेश यादव की गोलियों से भूनकर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने पूर्व पार्षद मनीष मंडित उर्फ पप्पू और मनौज फौजी को को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मनीष पंडित विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अदालत ने सुनवाई के दौरान मनीष को राजनीतिक रंजिश के चलते की गई हत्या का दोषी पाया है। फैसले के दौरान कोर्ट रूम के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा जबकि मनीष के सैकड़ों समर्थक नारेबाजी करते दिखे। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।।

वर्ष 2005 में आरोपितों ने राजनीति रंजिश के चलते नरेश यादव और उनके भतीजे जीतेंद्र यादव पर गोलियां चलाई थीं। नरेश को 13 गोली लगी थीं। जबकि जीतेंद्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सोमवार को कोर्ट में दोनों आरोपितों की सजा बहस होगी।

अभियोजन पक्ष की अधिवक्ता ममता गौतम ने बताया कि मनीष पंडित पूर्व पार्षद रह चुका है। गत निकाय चुनाव में भी उसने पार्षद का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गया था। मनीष पंडित ने पूर्व में बसपा से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वह विधान सभा का चुनाव हार गया था।

मनीष ने नरेश यादव पर उस दौरान कांग्रेस से चुनाव लड़े सुरेंद्र कुमार मुन्नी सहित अन्य प्रत्याशी का समर्थन करने का आरोप लगाया था। नरेश यादव प्रापर्टी डीलर का काम करते थे। मनीष उससे रंजिश रखने लगा था।

इस बीच राम नगर में नरेश यादव व उनके भतीजे जितेंद्र यादव पर गोलियां बरास दीं गई थीं। नरेश को नजदीक से गोली मारी गई थी। नरेश गो लगीं ज्यादातर गोलियां आरपार हो गई थीं। जबकि जितेंद्र यादव के पेट में एक गोली लगी थी। जितेंद्र 15 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जुझते रहे थे। हालांकि उनकी जान बच गई थी।

नरेश यादव के भाई विजय पाल यादव की ओर से अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने राम नगर के मनीष पंडित और मनोज फौजी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। मनोज फौजी सेना में ड्राइवर रह चुका है। पुलिस ने दोनों को हत्या और हत्या के प्रयास में आरोपित बनाकर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। तभी से कोर्ट में इस मामले में सुनवाई चल रही थी।

मृतक के भाई विजय पाल यादव गाजियाबाद कोर्ट में बार सचिव में रह चुके हैं। कुछ दिन पहले उनकी मौत हो गई थी। वह केस की पेरोकारी मजबूती से कर रहे थे। शनिवार को एडीजी जुनैद मुजफ्फर की कोर्ट नंबर 12 में इस मामले सुनवाई हुई। कोर्ट ने साक्ष्य और गवाह के आधार पर मनीष पंडित और मनोज फौजी को दोषी करार दिया। मनीष पंडित और मनोज फौजी का आपराधिक इतिहास भी रहा है।

 

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