
नरेन्द्र भल्ला
नई दिल्ली। पिछले 25 महीने से गुजरात की साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई के बारे में कहा जाता है कि जेल की सलाखों के पीछे रहकर ही वह बड़ी से बड़ी वारदात को अंजाम दे सकता है,फिर चाहे वह भारत हो या कनाडा। पंजाबी गायक सिद्दू मुसेवाला का कत्ल करवाने के बाद अब पिछले तीन दिनों से कनाडा में एक साथ 5 जगहों पर उसके गुर्गों ने फायरिंग की है। इसके जरिये ये संदेश देना चाहा है कि लारेंस कोई हौव्वा नहीं, बल्कि खौफ़ का ही दूसरा नाम है।
बता दें कि कनाडा ने लॉरेंस बिश्नोई को पिछले दिनों ही आतंकवादी घोषित किया है। आतंकवादी घोषित करने के बाद लॉरेंस गैंग ने वहां पहली ऐसी बड़ी वारदात करके पूरे मुल्क को बेचैन कर दिया है। लॉरेंस के गुर्गों ने इस बार एक नहीं, कई जगह पर फायरिंग करके सरकार को ये मैसेज दिया है वे लोग डरने वाले नहीं हैं।
लॉरेंस गैंग से जुड़े फतेह पुर्तगाल ने सोशल मीडिया पोस्ट करके इस फायरिंग के बारे में बताया है। पोस्ट में कहा है कि नवी तेसी नामक शख्स ने लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर लोगों से 5 मिलियन डॉलर वसूले हैं,इसलिए उसके ठिकानों पर हमने फायरिंग करवाई है।
फतेह पुर्तगाल ने पोस्ट में लिखा है, “सत श्री अकाल, राम-राम सारे भाइयों को। मैं फतेह पुर्तगाल बोल रहा हूं. गोल्डी ढिल्लों और लॉरेंस बिश्नोई गैंग, जो भी कनाडा में लॉरेंस गैंग के नाम पर वसूली और शूटिंग कर रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी अब हम ले रहे हैं।”
इसी पोस्ट में आगे लिखा गया है,”‘कनाडा में जहां-जहां फायरिंग हुई है, ये सभी जगहें नवी तेसी के स्वामित्व में हैं और पिछले 3 दिनों से इन जगहों पर शूटिंग हम करवा रहे हैं। नवी तेसी ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम लेकर गायकों से जबरदस्ती 5 मिलियन वसूले हैं, इसलिए हम उसके पीछे पड़े हुए हैं। बाकी जो भी व्यापारी निशाने पर हैं और उनके पीछे कोई कारण है ,वो हमारे भाइयों-बहनों से काम लेते हुए उन्हें परेशान कर रहे हैं। अगर कोई हमें सबूत देगा कि वो व्यक्ति सच में गलत है, तो हम उसके पीछे जाएंगे। हम मेहनती लोगों से दुश्मनी नहीं रखते। जो भी मेहनत करके अपनी रोजी कमा रहे हैं और हमारे नौजवानों की इज्जत करते हैं, उनसे हमारा कोई झगड़ा नहीं।”
लॉरेंस गैंग के गुर्गे का कहना है कि अगर आगे किसी ने कोई गलत खबर फैलाई, तो जिन व्यापारियों की जान या व्यापार को नुकसान पहुंचा, उसकी जिम्मेदारी आप लोगों की होगी, हमारी नहीं। हमारा तरीका शायद गलत लग सकता है, लेकिन हमारा इरादा गलत नहीं है।
कनाडा सरकार ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए कहा था कि इस गिरोह ने भय और धमकी का माहौल पैदा किया। भारत के लिए यह एक बहुत बड़ा फैसला इसलिये है क्योंकि ये वही गिरोह है, जो खालिस्तान समर्थक तत्वों से जुड़े हुए हैं। गौरतलब है कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने साल 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय का छात्र रहते हुए अपराध की दुनिया में कदम रखा था। तब 32 साल के बिश्नोई ने विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के दौरान एक प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार पर पहली बार गोली चलाई थी, जिसके लिए उसे तीन महीने जेल में बिताने पड़े थे।
दिल्ली की तिहाड़ जेल के महानिदेशक रहे संजय बेनीवाल से एक बार पूछा गया था कि, “क्या देश की कोई ऐसी जेल नहीं है जिसका ख़ौफ़ लॉरेंस बिश्नोई को भी हो ?” तब उनका जवाब था-“जो शख्स ख़ुद को जेल में ही सुरक्षित समझता हो। जेल से बाहर जाना ही नहीं चाहता हो,उसे देश की किसी भी जेल में बंद रहने का ख़ौफ़ क्यों सताएगा? वो तो चाहता है कि उसे हमेशा हाई-सिक्योरिटी वाली जेल में ही रखा जाए ,ताकि जेल से बाहर मौजूद उसके दुश्मन उस तक न पहुँच सकें।”
तब उन्होंने ये भी कहा था कि लॉरेंस की नेटवर्किंग जेल से बाहर ज़बरदस्त है, उसे ख़त्म करना पुलिस और जाँच एजेंसियों के लिए बेहद ज़रूरी है। जब तक ऐसा नहीं होगा,तब तक लॉरेंस बिश्नोई जैसे अपराधियों पर कोई दबाव नहीं पड़ेगा।



