
नरेन्द्र भल्ला
नई दिल्ली। मनमाने टैरिफ लगाकर दुनिया के कई देशों को धमकाने वाले डोनॉल्ड ट्रंप का अमेरिका आज खुद जबरदस्त आर्थिक संकट में फंस गया है। एक अक्टूबर से वहां लगे शटडाउन से हर दिन अमेरिका को तकरीबन 8800 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। अमेरिका में बजट बिल न बनने के कारण सरकार को शटडाउन लगाना पड़ा है। करीब 8 लाख कर्मचारी छुट्टी पर भेज दिए गए हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार शटडाउन से अमेरिका की GDP में हर हफ्ते 7 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है, जिससे आर्थिक मंदी के आसमान छूने का खतरा बन गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सनकमिजाजी ने अमेरिका को बहुत बड़े आर्थिक संकट की तरफ धकेल दिया है। पहले तो दूसरे देशों को झटका देने के चक्कर में टैरिफ पर लिए गए ट्रंप के मनमाने फैसले से अमेरिका की इकोनॉमी को थोड़ा ही झटका लगा था लेकिन अब इस शटडाउन ने उसकी हालत और भी ज्यादा पतली कर दी है।
आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि शटडाउन अगर लंबा खिंचा, तो अमेरिका को बहुत बड़ा झटका झेलना पड़ सकता है।” द गार्जियन” अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने भी माना है कि शटडाउन से अमेरिका की जीडीपी को बड़ी चोट पहुंचेगी। ग्रेगरी की रिपोर्ट में हर हफ्ते करीब 7 बिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका जताई गई है। इस हिसाब से देखें तो हर दिन 1 बिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है। इसे रुपये में बदलें तो मौजूदा भाव के मुताबिक, ये करीब 8,876 करोड़ के बराबर होगा। यानी अब यह लगभग साफ होता जा रहा है कि ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका बड़े नुकसान की तरफ बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि लंबे शटडाउन से उपभोक्ता खर्च 30 बिलियन डॉलर तक घट सकता है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा, हवाई यात्रा और गरीब परिवारों को मिलने वाली खाद्य सहायता जैसी सेवाएं भी बुरी तरह से प्रभावित होंगी।
बता दें कि इससे पहले 2018-19 में भी करीब 35 दिन तक शटडाउन चला था। पांच हफ्ते तक चले आंशिक शटडाउन ने अमेरिका को कम से कम 11 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया था, जिसमें 3 बिलियन डॉलर का स्थाई नुकसान शामिल था। तब करीब पौने चार लाख सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था जबकि सवा चार लाख कर्मियों को बिना वेतन के काम करना पड़ा था।
हैरानी ये है कि इस बार तो व्हाइट हाउस की आर्थिक सलाहकार समिति (CEA) ने भी अनुमान जताया है कि अगर शटडाउन एक महीने तक चला तो हर हफ्ते 15 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा, जबकि 43 हजार लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
जानकारों का मानना है कि भले ही शटडाउन खत्म होने पर कर्मचारियों को बकाया वेतन मिल जाए, लेकिन इसका असर लंबे समय तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था और लोगों के भरोसे पर बना रहेगा।
गौरतलब है कि अमेरिका में 1 अक्टूबर की रात 12:01 बजे (Eastern Time) से सरकार का शटडाउन (अस्थाई बंद) शुरू हो गया है क्योंकि संसद (Congress) बजट बिल पारित नहीं कर सकी है। ये 7 साल में पहला फेडरल शटडाउन है। करीब 8 लाख फेडरल (केंद्रीय) कर्मचारियों को नौकरी से छुट्टी पर भेजा गया है। जबकि वहाँ की न्यायपालिका (courts) ने कहा है कि वे 17 अक्टूबर तक सामान्य रूप से काम कर सकती हैं, उसके बाद उनका बजट नहीं बनने पर काम बाधित हो सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह शटडाउन जल्द खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)



