
संवाददाता
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को राजधानी में आयोजित विकसित उत्तर प्रदेश विजन कार्यक्रम को संबोधित हुए बरेली की घटना पर कहा कि बरेली में एक मौलाना भूल गया था कि शासन किसका है। वह धमकी देकर जाम लगाने की बात करता था, लेकिन हमने कहा कि न जाम होगा, न कर्फ्यू लगेगा। हम ऐसा सबक सिखाएंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ियां भी दंगा करना भूल जाएंगी। योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि 2017 के बाद उनकी सरकार ने दंगाइयों को चुन-चुनकर सजा दी और ऐसी भाषा में जवाब दिया, जो वे समझते थे। इस सख्ती ने उत्तर प्रदेश में शांति और सुरक्षा का नया युग स्थापित किया, जिससे यूपी की ग्रोथ स्टोरी की शुरुआत हुई।
पुलिस ने मौलाना तौकीर रज़ा को किया गिरफ्तार
बता दें कि शुक्रवार को बरेली में उपद्रव के बाद इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत सैकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ चार थानों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसके बाद पुलिस ने मौलना तौकीर रजा को गिरफ्तार गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, इस मामले को चलते बरेली में रविवार तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद हो सकती हैं। वहीं बरेली पुलिस द्वारा दर्ज की गई इन प्राथमिकियों में बारादरी थाने में दो मुकदमे शामिल हैं, जिनमें कई लोगों को नामजद किया गया था। कोतवाली प्रेमनगर और किला थाने में भी मुकदमे लिखे गए हैं जिनमें मौलाना तौकीर रजा का नाम भी शामिल था।
क्या बोले एसएसपी बरेली अनुराग आर्या
बरेली हिंसा के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि, इस मामले में अब तक 10 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बाकि अन्य लोगों की तलाश और शिनाख्त जारी है। गिरफ्तार लोगों में मौलाना तौकीर रजा, सरफराज (पुत्र सलीम), मनीफुद्दीन (पुत्र ज़रीफुद्दीन), अज़ीम अहमद (पुत्र नसीम अहमद), मोहम्मद शरीफ (पुत्र मोहम्मद अहमद), मोहम्मद आमिर (पुत्र मोहम्मद जायद), रिहान (पुत्र राजू) और मोहम्मद सरफराज (पुत्र शमीम) शामिल हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 7 एफआईआर में मौलाना तौकीर रज़ा का नाम सामने आया है और इसे जांच का हिस्सा बनाया जाएगा। क्योंकि उन्होंने पुलिस को भरोसा दिलाया गया था कि जुमे की नमाज़ के बाद कोई भी इस्लामिया इंटर कॉलेज नहीं जाएगा, लेकिन बाद में उस वादे से मुकरते हुए कहा गया कि हस्ताक्षर जाली हैं। जबकि हकीकत यह है कि वे हस्ताक्षर उन्हीं तीन लोगों के थे जिन्होंने खुद किए थे।
पथराव के बाद करना पड़ा लाठीचार्ज
उन्होंने बता की पहले तो स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभालने का प्रयास किया गया, जिसमे भीड़ को समझाना उनसे घर जाने की अपील करना शामिल रहा, लेकिन जब भीड़ ने बैरिकेड तोड़े और पुलिसकर्मियों के ऊपर पत्थरों से हमला किया। तो मजबूरन लाठीचार्ज करना पड़ा।
पूरी तैयारी से आए थे उन्मादी
एसएसपी ने बताया कि पुलिस को मौके से भारी मात्रा में पत्थर, ब्लेड, पिस्तौल और कारतूस तथा पेट्रोल जैसे गंध वाली टूटी हुई कांच की बोतलें बरामद हुई हैं। फ़िलहाल जांच जारी है और सीसीटीवी फुटेज, मैनुअल और तकनीकी तरीकों से सभी शामिल लोगों की पहचान की जाएगी।
उन्मादियों ने पुलिस पर चलाई गोलियां
एसएसपी इस घटना में घायल पुलिसकर्मियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना में लगभग 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ के चोटों को लेकर शक है कि वे गोली लगने से हुई हों, जिसकी अंतिम मेडिकल जांच जारी है। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि प्रदर्शनकारियों ने गोली चलाई थी। उस समय 2500 से 3000 लोग मौजूद थे, जिनकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
अब शांति बनाने की अपील कर रहे मौलाना
वहीं जुमे की नमाज के बाद शहर में हुए विवाद पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शनिवार काे शहर में अमन व शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम से मोहब्बत का सही तरीका उनकी बताई हुई तालीमात पर अमल करना है, न की सड़कों पर शोर-शराबा और हुड़दंग मचाना।
मौलाना ने लोगों से अपील की कि शहर का माहौल खराब करने वाली किसी भी हरकत से बचें और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश हरगिज न करें। मौलाना ने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वह समाज में भाईचारा और मोहब्बत का पैगाम दें, ताकि शहर की गंगा-जमुनी तहजीब कायम रह सके।
लोगों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
नवरात्र की पावन बेला में बरेली जनपद का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए पंडित सुशील पाठक ने कहा कि शुक्रवार को मौलाना तौकीर रज़ा के बुलावे पर किए गए प्रदर्शनों ने बरेली की फिजा खराब करने का काम किया। पंडित सुशील पाठक का आराेप है कि यह सब सुनियोजित तरीके से किया गया था, ताकि धार्मिक माहौल तनावपूर्ण हो।
उन्होंने तौकीर रज़ा को “आदतन अपराधी” बताते हुए प्रशासन से तुरंत सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान ऐसा बवाल करना हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर चोट है। कानून सबके लिए बराबर है और जो भी व्यक्ति जिले की शांति भंग करने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि अगर ऐसी हरकतें बर्दाश्त की गईं तो हालात और बिगड़ सकते हैं।



