
संवाददाता
लखनऊ। पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खां करीब 23 महीने की सजा काटने के बाद मंगलवार को जेल से रिहा हो गए। मंगलवार सुबह वे सीतापुर में जेल के अंदर से ही कार में बैठकर बाहर निकले। उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। वह अपने पैतृक घर रामपुर जा रहे हैं। उनके साथ 100 गाड़ियों का काफिला है।
आजम सुबह 9 बजे रिहा होने वाले थे, लेकिन कागजी कार्रवाई के दौरान नया पेंच फंस गया। रामपुर कोर्ट में एक केस चल रहा था, जिसमें 6 हजार रुपए जुर्माने का आदेश हुआ था। उन्होंने जुर्माना नहीं भरा था।
सुबह 10 बजे एक रिश्तेदार ने कोर्ट में जुर्माने की रकम जमा की। वहां से ईमेल के जरिए सूचना सीतापुर जेल भेजी गई। इसके बाद 12ः30 बजे रिहाई हुई। यानी 6 हजार रुपए के लिए उन्हें साढ़े 3 घंटे ज्यादा जेल में रहना पड़ा। सपा के कददावर नेता मोहम्मद आजम खां को लेने उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम को लेने पहुंचे थे। जेल के बाहर 400 से ज्यादा कार्यकर्ता भी मौजूद थे। वहीं, पुलिस ने नो पार्किंग जोन में खड़ी 73 कार्यकर्ताओं की गाड़ियों का चालान काट दिया।
आजम के खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हैं। 5 दिन पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बीयर बार पर कब्जे से जुड़े मुकदमे में जमानत दी थी। यह आखिरी मुकदमा था, जिस पर आजम को जमानत मिलनी बाकी थी। मगर पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दीं। 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हो गया।
काला चश्मा लगाकर बाहर निकले आजम
जेल से निकलने वक्त आजम पुराने अंदाज में नजर आए। उन्होंने काला चश्मा और काली सदरी और सर्फ कुर्ता पहन रखा था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई को लेकर कहा- उन्हें झूठे केस में फंसाया गया था। आज वह जेल से रिहा हुए। सभी के लिए खुशी का दिन है। आने वाले समय में सभी केस खत्म होंगे।



