
संवाददाता
नई दिल्ली। “आई लव मोहम्मद” से जुड़े विवाद को लेकर देशभर में इन दिनों जगह-जगह पर इस्लामी कट्टरपंथियों की उन्मादी भीड़ हिंसक प्रदर्शन कर रही है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात समेत देश के कई राज्यों में पिछले दिनों इससे जुड़े प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की गई है। इसकी शुरुआत कानपुर में दर्ज की गई एक FIR से हुई है।
अलग-अलग शहरों में पुलिस पर पथराव किए गए और जुलूस में सरेआम ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाए जा रहे हैं। वहीं, बरेली में एक मौलाना ने इस विवाद में इंस्पेक्टर को मारने की धमकी दी है।
बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर हटाने की कार्रवाई पर पुलिस और मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आ गए। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. नफीस खान ने मौके पर पहुँचकर खुलेआम इंस्पेक्टर को जान से मारने की धमकी दी। नफीस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें वह ‘तेरे हाथ काट लूँगा, तेरी वर्दी उतरवा दूँगा’ कहता नजर आ रहा है।
बरेली में कैसे हुआ विवाद?
यह पूरा मामला बीते 19 सितंबर से शुरू हुआ, जब जुमे की नमाज के बाद शहर के कई इलाकों में ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लगाए गए। ये पोस्टर दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन ‘जमात रजा-ए-मुस्तफा’ के पदाधिकारी मोईन खान के नेतृत्व में लगाए गए थे। पुलिस ने इसे कानून-व्यवस्था के लिहाज से संवेदनशील मानते हुए 20 सितंबर की रात किला क्षेत्र से पोस्टर हटवा दिए।
अगले ही दिन फिर वही पोस्टर लगाए जाने लगे। जब किला पुलिस रविवार को कार्रवाई करने पहुँची, तो मौके पर भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जमा हो गए। पुलिस को घेरकर दबाव बनाने की कोशिश की गई और भीड़ ने फोन कर IMC नेता डॉ. नफीस खान को बुला लिया। मौके पर पहुँचते ही नफीस ने पुलिस टीम से अभद्रता की और इंस्पेक्टर सुभाष कुमार को सरेआम धमकी दी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया।
एसपी सिटी मानुष पारीक ने पुष्टि की है कि डॉ. नफीस खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
उत्तराखंड के काशीपुर कट्टरपंथियों ने की पत्थरबाजी
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में ‘आई लव मोहम्मद’ जुलूस के दौरान अचानक पथराव, मारपीट और तोड़फोड़ की घटनाएँ हुईं। इस दौरान पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया, गाली-गलौज की गई और सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई है।
पुलिस ने इस घटना को लेकर 3 नामजद और 400-500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने 15 आरोपितों को जेल भेज दिया है। साथ ही, जिस जगह पर हंगामा किया गया वहाँ प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण भी हटाया है।
यूपी के उन्नाव में पथराव, कन्नौज में लगाए गए ‘सिर तन से जुदा’ के नारे
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में कट्टरपंथियों की भीड़ ने रविवार (21 सितंबर 2025) को जमकर हंगामा किया है। बिना अनुमति के सैकड़ों की संख्या में मुस्लिमों ने जुलूस निकालना शुरू कर दिया था। इस दौरान जुलूस में ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे खुलेआम लगाए गए, पुलिस पर हमला और उनके साथ धक्का-मुक्की की गई।
गंगाघाट कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह की वर्दी फाड़ दी गई। पुलिस ने समझाने की कोशिश की तो कट्टरपंथी भीड़ ने पुलिस पर ही पथराव करना शुरू कर दिया। उन्नाव पुलिस ने इस घटना के बाद 8 नामजद समेत 30 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
इसके अलावा यूपी के कन्नौज में भी इसे लेकर भारी बवाल हुआ। कन्नौज की सफदरगंज मस्जिद में नमाज के बाद मुस्लिम युवकों ने इस घटना को लेकर जुलूस निकाला और इस जुलूस में ‘सिर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए गए।
गुजरात के गोधरा में कट्टरपंथियों ने थाने मे की तोड़फोड़
गुजरात के गोधरा में शुक्रवार (19 सितंबर 2025) को कट्टरपंथियों ने “आई लव मोहम्मद” के प्रदर्शन को लेकर खूब हिंसा हुई थी। सोशल मीडिया पर लगातार भड़काऊ पोस्ट डालने वाले एक इन्फ्लुएंसर को गोधरा सिटी बी डिवीजन थाने द्वारा बुलाया गया था जिसे छुड़ाने के लिए उपद्रवियों की भीड़ ने जमकर हंगामा किया।
देर रात तक यह हंगामा चलता रहा और थाने में जमकर तोड़फोड़ की गई और फर्नीचर, खिड़कियाँ और पुलिस के वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया गया। साथ ही, भीड़ ने पुलिस कर्मियों पर पथराव भी शुरू कर दिया। पुलिस ने इसके बाद भीड़ पर लाठीचार्ज किया और पुलिस को आँसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े जिसके बाद ही बेकाबू भीड़ पर काबू पाया जा सका।
औवेसी और तौकीर रजा की बयानबाजी से प्रदर्शनों को मिली हवा
इस मामले को लेकर AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और IMC के अध्यक्ष तौकीर रजा समेत कई बड़े मुस्लिम नेताओं ने भी बयानबाजी की है। असदुद्दीन ओवैसी ने X पर लिखा कि अगर “आई लव मोहम्मद” लिखना जुर्म है तो वह इसकी हर साज काटने को मंजूर हैं। ओवैसी ने लिखा, “तुम पर मैं लाख जान से कुर्बान या-रसूल, बर आएँ मेरे दिल के भी अरमान या-रसूल।”
तौकीर रजा ने भी इस घटना को लेकर मुसलमानों के सड़कों पर उतरने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि ‘I Love Muhammad’ कहना जुर्म बना दिया गया है। रजा ने कहा, “अगर मुसलमान सड़कों पर आ गया तो मुल्क में क्या हालात बनेंगे। हमें सड़कों पर आने को मजबूर ना करें।”
नेताओं की बयानबाजी के बाद प्रदर्शनों का सिलसिला और तेज हुआ और देश भर में मुसलमान सड़कों पर आ गए। कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों के अलावा, अलग-अलग शहरों में जुलूस भी निकाले जा रहे हैं। इन लोगों को बताया गया है कि कानपुर में “आई लव मोहम्मद” का बैनर लगाने पर FIR दर्ज कर ली गई थी। असल में कानपुर में सिर्फ “आई लव मोहम्मद” के बैनर को लेकर FIR किया जाने का दावा पूरी तरह सही नहीं है।
कानपुर में FIR को लेकर फैलाया जा रहा ‘झूठ’
कानपुर में “आई लव मोहम्मद” के बैनर लगाने को लेकर विवाद हुआ था लेकिन पूरी कहानी इस विवाद से आगे की है। 4 सितंबर को रावतपुर थाना क्षेत्र में सजावट के लिए “आई लव मोहम्मद” का लाइट बोर्ड लगाया गया था।
स्थानीय लोगों के विरोध के बाद बोर्ड वहाँ से थोड़ी दूरी पर लगवा दिया गया। इसके बाद अगले दिन यानी 5 सितंबर को बारावफात के जुलूस के दौरान मुस्लिमों ने हिंदुओं के एक धार्मिक पोस्टर को फाड़ दिया।
FIR के मुताबिक, “जुलूस निकाले जाने पर रावतपुर गाँव में हिंदू बस्ती से जुलूस निकाल रहे मुस्लिम समुदाय के कुछ अज्ञात मुस्लिम युवकों के द्वारा रास्ते में लगे हिंदू समुदाय के धार्मिक पोस्टर को जानबूझकर जुलूस में शामिल गाड़ी…में सवार मुस्लिम युवको द्वारा डंडों की मदद से फाड़ दिया गया।”
कानपुर में FIR का मामला केवल “आई लव मोहम्मद” के बैनर से जुड़ा हुआ नहीं है। वो बस इस पूरे विवाद का एक हिस्सा है जबकि असली कहानी मुस्लिम युवकों द्वारा हिंदुओं के धार्मिक पोस्टर को मुस्लिमों द्वारा फाड़े जाने की है। इसके बाद भी एक तबके को बैनर हटाने को लेकर उकसाया जा रहा है और यह तबका सड़कों पर हंगामा कर रहा है।



