
संवाददाता
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली समेत चार राज्यों में फैले आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी सफलता हासिल की है. पाकिस्तान के हैंडलर द्वारा संचालित और आईएसआईएस-प्रेरित घरेलू मॉड्यूल के रूप में छुपाए गए इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए दिल्ली, झारखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में संयुक्त छापेमारी की गई. पुलिस द्वारा इस कार्रवाई में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस गिरोह पर देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश करने का आरोप है.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की इस कार्रवाई का नेतृत्व इंस्पेक्टर विनय पाल और इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने किया. इस करवाई की निगरानी एसीएसपी/एनडीआर हृदय भूषण और श्री राहुल विक्रम तथा समग्र पर्यवेक्षण डीसीपी/स्पेशल सेल अमित कौशिक ने की. टीम ने दिल्ली, रांची (झारखंड), ठाणे और मुंब्रा (महाराष्ट्र), बेंगलुरु (कर्नाटक), निज़ामाबाद (तेलंगाना) और राजगढ़ (मध्य प्रदेश) में छापे मारे.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक, इस कार्रवाई में अशहर दानिश उर्फ सीईओ (23 वर्ष) निवासी बोकारो (झारखंड) को गिरफ्तार किया गया, जो मॉड्यूल का मास्टरमाइंड है. इसके अतिरिक्त आफताब कुरैशी (25 वर्ष) निवासी कल्याण मुंबई, सूफियान अबुबकर खान (20 वर्ष) निवासी मुंब्रा महाराष्ट्र, मोहम्मद हुज़ैफ़ यमन (20 वर्ष) निवासी नरसापुर तेलंगाना और कमरान कुरैशी उर्फ समर खान (26 वर्ष) निवासी राजगढ़ मध्य प्रदेश को गिरफ्तार किया गया है.
हथियार व विस्फोटक बरामद
पुलिस ने आरोपियों से आईईडी बनाने की सामग्री, रसायन, कारतूस बनाने के उपकरण, गोला-बारूद, दो अर्ध-स्वचालित पिस्तौल व एक देशी पिस्तौल व अन्य सामान बरामद किए हैं. बरामद रसायनों का उपयोग विस्फोटक व हथियार तैयार करने में किया जाना था.
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह आतंकी समूह गजवा-ए-हिंद की विचारधारा से प्रेरित होकर भारत में खिलाफत स्थापित करना चाहता था. इसके लिए ये लोग गुप्त आतंकी प्रशिक्षण शिविर के लिए जमीन अधिग्रहण की योजना भी बना रहे थे. अशहर दानिश के पास से हथियार निर्माण की तकनीकी सामग्री व रासायनिक पदार्थ बरामद हुए हैं.
सोशल मीडिया से कट्टरपंथ
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि इन आरोपियों की भर्ती वो कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार सोशल मीडिया व एन्क्रिप्टेड चैटिंग ऐप्स के जरिए किया जा रहा था. मोहम्मद हुज़ैफ़ यमन, बी फार्मेसी का छात्र, तीन-चार साल पहले ओमेगल के जरिए दानिश के संपर्क में आया और फिर व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम से जुड़ गया.
दानिश ने उसे हथियार बनाने की ट्रेनिंग दी. सूफियान अबुबकर खान जो एक वेल्डर है और आरोपी आफताब के जरिए कट्टरपंथी वीडियो और सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़ा. उसे दिल्ली में हथियार लेने भेजा गया था. कमरान कुरैशी लैब असिस्टेंट व टाइपिस्ट है. व्हाट्सऐप ग्रुप “मशरिक ऑफिशियल” के जरिए दानिश से जुड़ा था. उसने मॉड्यूल को धन उपलब्ध कराया और जमीन खरीदने की योजना में शामिल हुआ.
पुलिस की सक्रियता से टला बड़ा खतरा
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक, इस मॉड्यूल के सदस्य आईईडी व हथियार बनाकर बड़े पैमाने पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे. समय रहते कार्रवाई ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर पाकिस्तान हैंडलर द्वारा संचालित इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया, जिन युवाओं को कट्टरपंथ के रास्ते पर धकेला जा रहा था, उन्हें देश विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था.



