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दरिया दरिया दिल्ली: ‘सरकार की चौखट’ तक पहुंच गई लगातार उफन रही यमुना

जहां जलती थीं चिताएं, वहां सैलाब... अपनों को आखिरी विदाई देना मुश्किल

संवाददाता

नई दिल्ली। बारिश के साथ-साथ बाढ़… बिहार, असम जैसी स्थिति अभी देश की राजधानी दिल्ली में नजर आ रही है. पहले बिहार से ऐसी खबरें और तस्वीरें सामने आती थी कि बारिश और बाढ़ के कारण लोग बुरी तरह से परेशान हैं. अब दिल्ली में यमुना के आस-पास सटे इलाकों में ऐसे ही हालात है. तस्वीरें और वीडियो जो सामने आ रही है, उसे देखकर लगता है कि मानो यमुना छप्पर छुने को बेताब हो. बुधवार शाम यमुना ने सरकार की चौखट तक दस्तक दे दी. मतलब की यमुना का पानी दिल्ली सचिवालय तक आ पहुंचा. निचले इलाके पहले ही डूब चुके हैं.

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बाढ़ पीड़ितों को शरण देने के लिए बनाए गए अस्थायी कैंपों तक भी पानी पहुंच चुका है. दूसरी ओर हथिनीकुंड बराज से सभी गेट खोल दिए गए हैं. इससे आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है. दिल्ली में यमुना से सटे इलाकों में पानी आने के कारण हालात कैसे हैं, आइए समझते हैं तस्वीरों और वीडियो के जरिए.

दिल्ली सरकार की चौखट तक यमुना की दस्तक

दिल्ली सचिवालय यमुना के किनारे ही बसा है. लेकिन पानी को रोकने के लिए मोटी दीवार खड़ी और ऊंचे बांध बनाए गए है. फिर भी यमुना में पानी इतना अधिक बढ़ चुका है कि बांध और मोटी दीवार को भी पार कर पानी सरकार की चौखट तक पहुंचने लगा है.

दिल्ली में पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर बुधवार अपराह्न एक बजे यमुना नदी का जलस्तर 207 मीटर तक बढ़ जाने के कारण निचले बाढ़ग्रस्त इलाकों से 7,500 से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

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निकाले गए लोगों को 25 स्थानों पर ठहराया गया है, जहां राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पांच जिलों – पूर्व, उत्तर, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पूर्व और मध्य दिल्ली से 7,500 से अधिक लोगों को निकाला गया है. उन्हें 25 जगहों पर बने राहत शिविरों में पहुंचाया गया है, जिनमें तंबू, स्कूल आदि शामिल हैं.”

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दिल्ली में यमुना नदी मंगलवार को निकासी के निशान को पार कर गई थी, जहां जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया था और तब से इसमें वृद्धि हो रही है. जलस्तर बढ़ने के कारण, जिला प्रशासन निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है और ओआरबी को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है.

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे छोड़े जा रहे पानी की भारी मात्रा है. पूर्वानुमान के अनुसार जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है.”

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सुबह आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से नदी में 1.62 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण (आई एंड एफसी) मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले छह महीनों में यमुना नदी की जल-वहन क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं.

आईटीओ बैराज के निरीक्षण पर आए मंत्री ने लोगों को आश्वासन दिया कि यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर चिंतित होने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है.

वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले छह महीनों में नदी की जलवहन क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा कदम उठाए गए हैं. वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है और अगर जलस्तर एक या दो मीटर और बढ़ता है, तो भी 2023 की तरह पानी दिल्ली की सड़कों पर नहीं आएगा.”

मंत्री ने कहा, ‘‘यमुना नदी का पानी अधिकृत क्षेत्र में बने किसी भी मकान में नहीं घुसा है. बाढ़ का पानी उन्हीं मकानों में घुसा है जिन्होंने पूर्व में चेतावनी दिए जाने के बावजूद बाढ़ वाले क्षेत्र में अपने मकान बनाए. हमारी बचाव टीम काम कर रही हैं. अगर जलस्तर 209 मीटर तक भी पहुंच जाता है, तो भी अधिकृत क्षेत्र में बने किसी भी मकान में बाढ़ का पानी नहीं घुसेगा. हमें उम्मीद है कि शाम तक जलस्तर कम होना शुरू हो जाएगा.” सरकार के अनुसार, तीन बैराजों – हथिनीकुंड, वजीराबाद और ओखला – से पानी के प्रवाह की लगातार 24 घंटे निगरानी की जा रही है.

दिल्ली ISBT के पास भरा पानी

भारी बारिश की वजह से ISBT से तीस हजारी जाने के लिए रास्ता बंद कर दिया गया है. यहां सड़क पर काफी जलजमाव हो गया है. दिल्ली के गीता कॉलोनी इलाके में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है. हरियाणा से हर घंटे 1.5 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। इससे दिल्ली में नदी का बहाव तेज हो गया है.

मजनू का टीला हुआ पानी-पानी

दिल्ली में कश्मीरी बस अड्डे के पास का एरिया भी पानी पहुंच चुका है. मजनू का टीला अब पानी में डूबा हुआ है. यमुना का उफान इतना तेज़ है कि बाजारों, गलियों और घरों तक पानी घुस चुका है. लोग अब पानी में चलकर ही अपने घरों तक जा रहे हैं. यहां तक कि मॉनेस्टरी मार्किट के नजदीकी इलाकों में पानी भर चुका है. वासुदेव घाट के सामने पानी इतना है कि मेन रोड ही दिखनी बंद हो गई है. जिस वजह से आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतें हो रही है. हालांकि पंप लगाकर पानी को निकालने की मशक्कत जारी है.

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डरा रही उफनती नदी

आज सुबह 5 बजे यमुना नदी का जलस्तर लोहे के पुल पर 207.47 मीटर दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से काफी ऊपर है. हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से 1.53 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि वज़ीराबाद बैराज से 1.90 लाख क्यूसेक और ओखला बैराज से 2.35 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ है. इन भारी जल प्रवाहों के चलते दिल्ली के कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है और प्रशासन अलर्ट मोड पर है. कालिंदी कुंज पर भी उफनती यमुना अब डरा रही है.

जहां जलती थीं चिताएं, वहां सैलाब… अपनों को आखिरी विदाई देना मुश्किल

दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. निचले इलाकों में पानी भर गया है. सिर्फ रिहायशी इलाके ही नहीं श्मशान घाटों का हाल भी बहुत बुरा है. यहां दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है. श्मशान के क्या हालात हैं ये दिल्ली के निगम बोध घाट का हाल देखकर समझा जा सकता है. निगमबोध घाट  में यमुना का पानी भर गया है, जिसकी वजह से लोगों से अन्य श्मशान घाटों पर जाने की अपील की जा रही है.

दिल्ली के सबसे पुराने और व्यस्ततम श्मशान घाट निगमबोध घाट में यमुना का पानी घुसने से लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है. क्यों कि पानी की वजह से वहां दाह संस्कार अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को दोपहर में शवदाह गृह में दाह संस्कार रोक दिया गया था. केवल सुबह शुरू हुई अंत्येष्टि ही पूरी कराई गईं.

 

 

 

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