
संवाददाता
गाजियाबाद । किसी भी कवि या कलाकार द्वारा किया गया कार्य अमर होता है जो इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाता है। मुरादाबाद के संविधान साहित्य वाटिका में महाकवि डॉ कुँअर बेचैन जी का भित्ति चित्र उनके शेर के साथ उकेरा गया है। इससे गाजियाबाद के रचनाकारों में खुशी की लहर है।
भारत की प्रथम संविधान साहित्य वाटिका मुरादाबाद के बुद्ध बिहार, दिल्ली रोड सर्किट हाउस के पीछे बनाई गई है। इसका उद्घाटन पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री अरविन्द शर्माने किया था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वाटिका का निरीक्षण किया है।
संविधान साहित्य वाटिका में महाकवि डॉ कुँअर बेचैन का भित्ति चित्र उनके शेर के साथ उकेरने का ये प्रशंसनीय कार्य मुरादाबाद अथॉरिटी एवं महाकवि डॉ कुँअर बेचैन फ़ाउंडेशन ग़ाज़ियाबाद द्वारा किया गया है। इस फ़ाउंडेशन के प्रयासों से ग़ाज़ियाबाद में महाकवि डॉ कुँअर बेचैन सेतु और एमएमएच कॉलिज में महाकवि डॉ कुँअर बेचैन सेमिनार हॉल जैसी उपलब्धियां भी हासिल हुई हैं। भारत की प्रथम संविधान साहित्य वाटिका में डॉ कुँअर बेचैन का भित्ति चित्र उनके शेर के साथ उकेरना इसी श्रृंखला में एक और मील का पत्थर बन गया है।
इस संविधान साहित्य वाटिका का उद्देश्य युवाओं और आम नागरिकों को भारतीय संविधान की विशेषताओं से अवगत कराना है। संविधान की प्रस्तावना की भव्य प्रतिमा वाटिका में स्थापित की गयी है। इस पर लेजर शो का प्रदर्शन भी होगा। साहित्यकारों के लिए ओपन थियेटर का भी निर्माण किया गया है। वाटिका में कवि रामधारी सिंह दिनकर, सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन के साथ महाकवि डॉ कुंवर बेचैन का भी भित्तिचित्र बनाया गया है। ये पूरे ग़ाज़ियाबाद के लिए बड़े गर्व की बात है।
गाजियाबाद के रचनाकारों में इससे खुशी की लहर दौड़ रही है। डॉ कुंवर बेचैन की पुत्री कवयित्री वंदना कुंअर रायजादा, दामाद शरद रायजादा और शायर राज कौशिक ने इस कार्य के लिए उत्तर प्रदेश शासन एवं मुरादाबाद अथॉरिटी का आभार व्यक्त किया है।



