
संवाददाता
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से यमुना किनारे के इलाकों में पानी भरने लगा है. दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के मदनपुर खादर क्षेत्र स्थित कालिंदी कुंज घाट के नजदीक किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
लगातार हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी दिल्ली यमुना के लिए छोड़ा जा रहा है जिससे यमुना किनारे बसे लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. नदी का पानी खेतों में घुसने लगा है, जिसके चलते हजारों एकड़ में फैली हरी सब्ज़ियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. यमुना किनारे खेती करने वाले किसान मायूस और परेशान हैं क्योंकि यह लगातार दूसरे साल उनकी मेहनत पर पानी फिरा है.
मदनपुर खादर के किसानों का कहना है कि साल 2023 में भी यही हालात बने थे, जब बाढ़ जैसे हालात में उनकी खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो गई थी. सैकड़ों खेत यमुना नदी के बहाव में बह गए थे. इस साल भी पालक, पत्तागोभी, धनिया, चौलाई, मूली, भिंडी, करेला, घीया और तोरई जैसी हरी सब्जियों की फसलें जलमग्न हो गई हैं. कई खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह डूब चुकी है, जबकि कई किसान पानी में घुसकर जल्दबाजी में अपनी फसल काटने को मजबूर हो रहे हैं ताकि कुछ हद तक नुकसान की भरपाई हो सके.

किसानों का कहना है कि उनकी जिंदगी पूरी तरह इन फसलों पर निर्भर है, लेकिन बार-बार जलस्तर बढ़ने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. खेत और झुग्गियां भी पानी में डूबने लगी हैं, जिससे रहने की दिक्कतें भी खड़ी हो गई हैं.
पुलिस और प्रशासन की ओर से किसानों को सुरक्षित स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं, हालांकि कई किसान अपनी बची हुई फसल को बचाने के लिए खेतों में डटे हुए हैं. एक किसान ने बताया, “हमारी रोजी-रोटी यहीं से चलती है. पिछले साल भी सब बर्बाद हो गया था, इस बार फिर वही हाल हो गया. सरकार से मदद की उम्मीद है, वरना घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।”

ओखला बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है जिससे कालिंदी कुंज मदनपुर खादर इलाके में खेती करने वाले किसानों के लिए संकट पैदा हो गया है. इन किसानों को उम्मीद है कि जल्द से यमुना का जलस्तर कम हो और कुछ राहत मिले. मदनपुर खादर, जसोला और कालिंदी कुंज इलाके के सैकड़ों किसान इस संकट से जूझ रहे हैं. अगर जल्द पानी नहीं उतरा तो फसलें पूरी तरह से खराब हो जाएंगी और किसानों को भारी आर्थिक झटका लगेगा.



