
विनीत शर्मा “नादान”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने गत शनिवार को एक बयान देते हुए दावा किया है कि वर्ष 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो लोगों ने उनसे मुलाकात की थी एवं राज्य की 288 में से 160 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के मुकाबले विपक्ष की जीत की गारंटी देते हुये सहयोग की पेशकश की थी। पवार के इन दावों से राजनीतिक पटल पर हलचल मचनी स्वाभाविक है।पवार का यह भी कहना है कि उन्होंने इन दोनों व्यक्तियों को विपक्ष के नेता राहुल गांधी से भी मिलवाया था।
उसके बाद शिव सेना (ऊधव यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने रविवार को शरद पवार के बयान का समर्थन करते हुए दावा किया कि 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इसी मुद्दे को लेकर दो लोगों ने उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी जिसके दौरान भरोसा दिलाते हुये 60-65 मुश्किल सीटों पर ईवीएम द्वारा विपक्ष की जीत सुनिश्चित करने का वादा किया गया था। राउत का दावा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी यही लोग ऊधव ठाकरे से मिले थे। ग़ौरतलब है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर महा विकास आघाडी (एमवीए) प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई थी। राउत का कहना है कि लोकसभा परिणाम का हवाला देते हुये शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था।राउत ने मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि शरद पवार ने कहा कि कुछ लोग चुनाव से पहले उनसे मिले थे। उन्हीं लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी। हमने उनसे कहा कि हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और देश के माहौल को देखते हुए हम निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव जीतेंगे।
शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा कि उन्हीं लोगों ने कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों से पहले ठाकरे से संपर्क किया था लेकिन राउत ने कहा कि विपक्ष को (लोकसभा चुनावों में) भारी सफलता मिलने के चलते हम लोग आश्वस्त थे कि हम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर सत्ता में आएंगे इसलिए ठाकरे ने कहा कि हमें ऐसा करने की जरूरत महसूस नहीं है। राउत ने परोक्ष रूप से भाजपा गठबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों ने साफ साफ कहा था कि भले ही एमवीए को उनकी मदद की जरूरत न हो लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने ईवीएम और मतदाता सूची के माध्यम से एक योजना तैयार कर ली है। राउत का कहना है कि उन्हें लगता है कि जो लोग उद्धव और शरद पंवार से मिले तथा पंवार द्वारा जिन्हें विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलवाया गया था, उनके दावे में सच्चाई हो सकती है।
इस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार के इस दावे पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर ऐसे लोग ऑफर लेकर आए थे तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने शरद पवार के बयान को महज ‘स्टोरी’ बनाने की कोशिश बताया। फडणवीस ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने कई बार खुली चुनौती दी है कि कोई ईवीएम हैक करके दिखाए, लेकिन कोई ऐसा नहीं कर सका।
दोनों तरफ के आरोप प्रत्यारोप के बीच प्रश्न यह उठता है कि वह दो लोग कौन थे जिन्होंने महा विकास अघाड़ी को ईवीएम के रास्ते विधानसभा चुनाव में या उससे पहले लोकसभा चुनाव में जीत का भरोसा दिलाया था या सहयोग की पेशकश की थी। विपक्ष द्वारा उसी समय इसकी रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई गयी।यदि वास्तव में ऐसा है तो एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार तथा यूबीटी के सांसद संजय राउत से इस विषय में पूछताछ की जानी चाहिए क्योंकि यह एक बहुत गंभीर मसला है जो कि हमारी चुनाव प्रणाली तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। यदि शरद पवार तथा संजय राउत दोनों के बयान केवल सनसनी फैलाने के लिए है तो भी उनके विरुद्ध कानून सम्मत कार्रवाई की जानी लोकहित में आवश्यक है।



