
एसपी गोयल – 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी
एसपी गोयल का नाम इस समय मुख्य सचिव के पद के लिए सबसे प्रमुख नामों में शुमार है। वे 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। उनकी प्रशासनिक कड़ी पकड़ और मुख्यमंत्री के साथ करीबी संबंधों को देखते हुए उनका नाम चर्चा में है। उत्तर प्रदेश के प्रशासन में एसपी गोयल की मजबूत स्थिति और मुख्यमंत्री के साथ उनके संबंधों ने उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बना दिया है।एसपी गोयल की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई महत्वपूर्ण मामलों पर मिलकर काम कर चुके हैं और प्रशासनिक फैसलों के संदर्भ में उनका दृष्टिकोण हमेशा प्रासंगिक और सटीक रहा है। इस कारण से, उनके बारे में यह माना जा रहा है कि वे अगर मुख्य सचिव बनते हैं, तो यह प्रशासन में स्थिरता और सशक्त नेतृत्व ला सकते हैं। उनके अनुभव और कामकाजी शैली के कारण वे इस पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
दीपक कुमार – 1989 बैच के एक अन्य वरिष्ठ आईएएस अधिकारी
दीपक कुमार भी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और उनका नाम भी मुख्य सचिव के पद के लिए संभावित उम्मीदवारों में लिया जा रहा है। हालांकि, एसपी गोयल के मुकाबले उनका नाम उतना चर्चित नहीं है, फिर भी दीपक कुमार की कार्यशैली और उनकी प्रशासनिक क्षमता को सराहा जाता है। वे राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं और उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण को लेकर उन्हें एक कुशल और योग्य अधिकारी माना जाता है।दीपक कुमार का नाम इस समय चर्चा में है, क्योंकि उनका प्रशासनिक दृष्टिकोण ठोस और प्रभावी रहा है। हालांकि उनके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उतने करीबी संबंध नहीं हैं, जितने एसपी गोयल के हैं, फिर भी उनकी कार्यशैली में सटीकता और व्यावसायिकता रही है, जो उन्हें इस पद के लिए एक मजबूत विकल्प बना सकती है।
देवेश चतुर्वेदी
कुछ स्थानों पर आईएएस अधिकारी देवेश चतुर्वेदी का नाम भी मुख्य सचिव के लिए चर्चा में आया है। वे एक योग्य और प्रभावी प्रशासनिक अधिकारी हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है। हालांकि, उनकी तुलना में एसपी गोयल और दीपक कुमार अधिक चर्चित नाम हैं, फिर भी देवेश चतुर्वेदी के बारे में यह माना जाता है कि वे यदि मुख्य सचिव बनते हैं, तो प्रशासन में नयापन और एक संतुलित दृष्टिकोण ला सकते हैं। उनके प्रशासनिक निर्णयों की दिशा और कार्यशैली को लेकर सकारात्मक समीक्षाएं रही हैं।
मनोज कुमार सिंह का सेवा विस्तार
मनोज कुमार सिंह की सेवानिवृत्ति के पहले राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से उनके सेवा विस्तार का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव को यदि केंद्र से मंजूरी मिलती है, तो मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल छह महीने के लिए और बढ़ सकता है। हालांकि, केंद्र से स्वीकृति मिलने की स्थिति स्पष्ट नहीं है, और इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि उनका कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं। अगर सेवा विस्तार नहीं मिलता है, तो ऊपर बताए गए नामों में से किसी एक का चयन किया जाएगा।



