latest-newsदेश

“पीएम तो गालियों का भी हिसाब रखते हैं, फिर ट्रंप के सीजफायर के दावे का हिसाब क्यों नहीं,” खड़गे का तंज

ऑपरेशन सिंदूर पर संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के सुलगते सवाल - जवाब

संवाददाता

नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र का आज मंगलवार को 7वां दिन है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आज भी व्यापक चर्चा जारी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस चर्चा के दौरान कहा कि पहलगाम के आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है. ये सभी आतंकी पाकिस्तानी थे. गोली और हथियारों की एफएसएल की जांच में पाया गया कि सभी पाकिस्तानी थे. वहीं एक आतंकी का वोटर कार्ड पाकिस्तानी पाया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोले. बहस के दौरान सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर हमलावर है.

खड़गे ने पीएम मोदी पर कसा तंज, बोले- ट्रंप के सीजफायर के दावे का हिसाब क्यों नहीं है उनके पास

“मोदी तो गालियों का भी हिसाब रखते हैं, तो सीजफायर का हिसाब क्यों नहीं रख रहे हैं, ट्रंप जो कह रहे हैं, वह सच है या नहीं, यह क्यों नहीं कहते हैं कि ट्रंप ने जो कुछ कहा, वह गलत है.”
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आप पहलगाम हमले से पहले जम्मू कश्मीर गए, और वहां पर जाकर कहा कि आतंकवाद खत्म हो गया है, और इसके लिए मोदी सरकार को क्रेडिट मिलना चाहिए, लेकिन तुरंत ही यह हमला हो गया. इस हमले के बाद हमलोगों ने विशेष सत्र बुलाने की मांग की. लेकिन आपने कोई जवाब नहीं दिया. आपने अभी तक यह नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कहां से आए. इसके ठीक विपरीत नेहरू ने 1962 में विशेष सत्र बुलाया था और चर्चा की थी. आपने तो ऑल पार्टी मीटिंग की, लेकिन वहां पर पीएम ही नदारद रहे. सरकार अहंकार में है. पीएम तो सीधे बिहार में चुनावी रैली को संबोधित करने चले गए. पीएम मोदी को सुनने की शक्ति डेवलप करनी चाहिए. उरी, पुलवामा और पहलगाम की घटना दिखाता है कि खुफिया विभाग फेल हो रहा है. फिर भी जिम्मेदारी फिक्स नहीं हो रही है.”

राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने की बहस की शुरुआत, बोले- एक दिन पीओके की भी होगी वापसी
‘Why Didn’t UPA Retaliate After 26/11?’: Rajnath Singh Tears Into Opposition Over Operation Sindoor

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के समन्वय का बेमिसाल उदाहरण बताते हुए कहा कि आज का भारत सहन करने में नहीं, बल्कि माकूल जवाब देने में विश्वास करता है. साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि पीओके के लोगों की एक दिन ‘घर वापसी’’ जरूर होगी. साथ ही रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि उसकी ओर से कुछ आतंकवादी करतूत की गयी तो ऑपरेशन सिंदूर को फिर शुरू करने में रंचमात्र भी देर नहीं की जाएगी.

सिंह ने राज्यसभा में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए. सिंह ने कहा, ‘‘मैं सदन को यह भी बताना चाहूंग कि किसी क्षेत्र पर कब्जा करना इस ऑपरेशन का मकसद नहीं था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा वर्षों से पाले गए आतंकवाद की नर्सरी का अंत करना था. उन लोगों को न्याय दिलाना था जिन्होंने पाक प्रायोजित पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया.’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘10 मई की सुबह जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरफील्ड पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की.’’ उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत में ही सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत की आतंरिक एवं बाह्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए देश के रक्षा बलों की जो भूमिका रही है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है.

उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह विस्तृत जानकारी दी है कि सोमवार को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया. उन्होंने कहा कि इस अभियान में मारे गये आतंकवादियों के पास से मिले हथियारों की फारेंसिक जांच की गयी है. सिंह ने कहा कि जांच में यह पूरी तरफ स्पष्ट हो गया कि यह वे ही हथियार हैं जिनका इस्तेमाल पहलगाम आतंकवादी हमले में किया गया था. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम जो कहते हैं, वह करते हैं. यही हमारा चरित्र है.’’

जम्मू कश्मीर के पहलगाम इलाके में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी. जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके के जंगलों में सेना के शीर्ष पैरा कमांडो ने सोमवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता और उसके दो साथियों को मार गिराया था. सिंह ने आतंकवादियों को परोक्ष समर्थन देने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आज नाग पंचमी है और इस दिन सांपों को दूध पिलाना ठीक है, किंतु हर दिन सांप को दूध नहीं पिलाया जाता.

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर रुका है, समाप्त नहीं हुआ है और पाकिस्तान अगर फिर नापाक हरकत करता है तो और कठोर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि सवाल पूछा जाता है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक अधिकृत कश्मीर को कब्जे में क्यों नहीं लिया गया. रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि पाक अधिकृत कश्मीर एक दिन भारत का अंग जरूर बनेगा.

उन्होंने कहा, “एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब पीओके के लोग भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और शासन व्यवस्था में शामिल होंगे.” उन्होंने इस संबंध में एक शेर के कुछ शब्द बदलते हुए कहा, ‘‘पीओके टूटने का सबब पूछो न सबके सामने नाम आयेगा तुम्हारा, यह कहानी फिर सही’’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘देश की जनता का आशीर्वाद और ईश्वर की इच्छा रही तो पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों की घर वापसी होगी…वह दिन आएगा, निश्चित समय नहीं बता सकता. …जब पाक अधिकृत कश्मीर के लोग बोलेंगे कि मैं भी भारत हूं.’’

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रतिपक्ष के लोग पूछते हैं कि कितने विमान गिरे. मुझे लगता है कि यह प्रश्न राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता.’’ रक्षा मंत्री ने कहा कि विपक्ष को अभियान की सफलता पर, दुश्मन सेना को हुए नुकसान पर और आतंकी ढांचों को हुए नुकसान पर सवाल पूछना चाहिए था. सिंह ने कहा, ‘‘आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या जांबाज सैनिकों को कोई क्षति हुई है तो उत्तर है ‘नहीं’.’’ उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या अधिक भी हो सकती है.

सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि हम आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का संकल्प ले चुके हैं. सिंह ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने यह नहीं पूछा कि कितने विमान गिरे, कितने उपकरणों को नुकसान पहुंचा. किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है, किसकी पेंसिल टूटी, किसका पेन खो गया, इसका विचार नहीं किया जाता.’’

उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण रूप से पाने में भारत को सफलता मिली.’’ सिंह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद छह-सात मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया जो केवल 22 मिनट चला और इसमें देश के सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक निशाना साधकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया. सिंह ने कहा, ‘‘पहलगाम हमले के बाद हमारे पास जवाब देने के लिए कई विकल्प थे. लेकिन हमने उसे चुना जिसमें आतंकियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति नहीं पहुंचे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों ने माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया. सेनाओं ने अंधेरी रात होने के बाद हमले की सफलता के स्पष्ट प्रमाण जुटाए हैं.’’ उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों और उन्हें सफलतापूर्वक नाकाम करने की भारतीय बलों की कार्रवाई का भी विस्तृत उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान हमारे किसी अड्डे को छू नहीं पाया और हमारी किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा. हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी. पाकिस्तान के इस हमले के जवाब में हमारी कार्रवाई साहसिक और ठोस थी.’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों का मनोबल बुलंदी पर है, उनका संकल्प अडिग है. सिंह ने कहा, ‘‘वे सीमाओं के साथ ही राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा कर रहे हैं.’’ सिंह ने कहा कि भारत हमेशा से पड़ोसी देशों से मित्रता चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और सरकार का रुख स्पष्ट है कि आतंकवाद और वार्ता साथ में नहीं चल सकते. सिंह ने कहा, ‘‘….क्योंकि सभ्य मुल्कों के बीच बातचीत होती है. लोकतांत्रिक देशों में बातचीत होती है लेकिन जिसके वजूद में आतंकवाद, भारत के खिलाफ नफरत हो, उसके साथ संवाद नहीं किया जा सकता.’’

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अपनी विदेश नीति और राजकीय नीति का हथियार आतंकवाद को बना लिया है. सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई छद्म युद्ध के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाला नया भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी हद तक जा सकता है. उन्होंने कहा कि आज का भारत बर्दाश्त करने में विश्वास नहीं करता और माकूल जवाब देना जानता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए शांति प्राथमिकता है और शक्ति उसका आधार है. यह सामर्थ्य पहले भी था लेकिन पिछले 11 वर्ष में कई गुना बढ़ गया है. रक्षा क्षेत्र में आज का भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.’’ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई पागलपन नहीं, बल्कि सुनियोजित षडयंत्र का हिस्सा है जिसमें आतंकवाद को राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जो नीति इस सरकार ने अपनाई है, उसे पहले की सरकारों को भी अपनाना चाहिए था. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं सदन और देश की जनता को विश्वास दिलाना चहता हूं कि सरकार, सेना और संवैधानिक संस्थाएं देश की रक्षा, अखंडता के लिए जो कदम जरूरी होंगे, उठाएंगी.’’

रक्षा मंत्री ने ये नहीं बता सके कि यह हमला कैसे हुआ: प्रियंका गांधी

लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, ‘कल रक्षा मंत्री एक घंटे तक बोले, इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, देश की रक्षा और इतिहास का पाठ भी पढ़ाया. लेकिन एक बात छूट गई- यह हमला कैसे हुआ?’ प्रियंका गांधी ने आगे कहा, ‘वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम में) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?’ लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि , ‘यह सरकार हमेशा सवालों से बचने की कोशिश करती है. इनमें देश के नागरिकों के प्रति कोई जवाबदेही का भाव नहीं है. सच तो यह है कि इनके दिल में जनता के लिए कोई जगह नहीं है. इनके लिए सब कुछ राजनीति है, प्रचार है.’

लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि, ‘कल रक्षा मंत्री एक घंटे तक बोले, इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर, आतंकवाद, देश की रक्षा की बात कर ली और इतिहास का पाठ भी पढ़ा दिया. लेकिन एक बात छूट गई- यह हमला कैसे हुआ?’ कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, टकेंद्रीय गृह मंत्री ने आज पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के कार्यों के बारे में बात की. उन्होंने मेरी मां के आंसुओं के बारे में भी बात की. लेकिन उन्होंने कभी यह नहीं बताया कि सीज़फायर की घोषणा क्यों की गई?

प्रियंका गांधी ने कहा सरकरा से सवाल पूछते हुए कहा कि, ‘मैं कल से सरकार के मंत्रियों के भाषण सुन रही थी. रक्षा मंत्री, गृह मंत्री. लेकिन मेरे मन में एक सवाल बना हुआ है—26 देशवासियों को उनके परिवार के सामने खुलेआम मारा गया. ये हमला कैसे हुआ और क्यों हुआ? ये लोग पहलगाम में क्या कर रहे थे?’

पहलगाम सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा: अखिलेश यादव

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? जो सरकार दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कोई आतंकवादी घटना नहीं होगी. सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ‘आखिर ऐसी क्या वजह थी कि सरकार को युद्धविराम की घोषणा करनी पड़ी? हमें तो उम्मीद थी कि सरकार खुद ही इसकी घोषणा कर देगी. लेकिन चूंकि उनकी गहरी दोस्ती है, इसलिए सरकार ने अपने दोस्त से ही युद्धविराम की घोषणा करने को कहा.’

सोनिया गांधी बाटला हाउस की घटना पर रो रही थी: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘एक सुबह मैं नाश्ता कर रहा था, तभी मैंने टीवी पर देखा कि सलमान खुर्शीद सोनिया गांधी के आवास से रोते हुए बाहर आए. मुझे लगा कि कुछ गंभीर हुआ है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि सोनिया गांधी बाटला हाउस की घटना पर रो रही थी. अगर उन्हें रोना ही था, तो उन्हें शहीद मोहन शर्मा के लिए रोना चाहिए था, बाटला हाउस के आतंकवादियों के लिए नहीं.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘2002 में अटल जी की एनडीए सरकार पोटा (आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002) लेकर आई थी. तब पोटा पर किसने आपत्ति जताई थी? कांग्रेस पार्टी ने. 2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया गांधी-मनमोहन सिंह सरकार ने पोटा कानून को खत्म कर दिया. कांग्रेस ने किसके फायदे के लिए पोटा को खत्म किया?.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘आज चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में है और भारत नहीं है. मोदी जी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा बने. इसके लिए जवाहरलाल नेहरू का रुख जिम्मेदार है. जब हमारे जवान डोकलाम में चीनी सैनिकों का सामना कर रहे थे, तब राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ बैठक कर रहे थे. चीन के लिए यह प्रेम जवाहरलाल नेहरू, सोनिया गांधी, राहुल गांधी से तीन पीढ़ियों तक चला आ रहा है.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘वे (विपक्ष) कल पूछ रहे थे कि पहलगाम के अपराधी कहां गए. आपके (विपक्ष) कार्यकाल के दौरान जो लोग छिपे हुए थे, उन्हें (आतंकी)आज ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है. हमारी सेना ने कम से कम 100 लोगों को मार गिराया है. 7 मई को हमारा काम 1.26 बजे पूरा हो गया. यह मनमोहन सिंह की सरकार नहीं है. हम चुपचाप बैठकर डोजियर नहीं भेजेंगे. 9 मई को पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों को नष्ट कर दिया गया. आठ हवाई ठिकानों पर हमला इतना सटीक था कि इसने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को हिला दिया.’

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कल वे (कांग्रेस) सवाल उठा रहे थे कि युद्ध क्यों नहीं हुआ. आज, पीओके केवल जवाहरलाल नेहरू की वजह से मौजूद है. 1960 में उन्होंने सिंधु नदी का 80 फीसदी पानी पाकिस्तान को दे दिया. 1971 में शिमला समझौते के दौरान वे (कांग्रेस) पीओके के बारे में भूल गए. अगर उन्होंने उस समय पीओके ले लिया होता तो हमें अब वहां शिविरों पर हमले नहीं करने पड़ते.’

शाह ने चिदंबरम के बयान पर बड़ा सवाल उठाया

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कल पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने पाकिस्तान से आने वाले आतंकवादियों के सबूत पर सवाल उठाया था. वह किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान का बचाव करके उन्हें क्या मिलेगा? हमारे पास सबूत है कि ये तीनों पाकिस्तानी थे. हमारे पास उन दोनों के वोटर आईडी नंबर हैं. उनके पास से बरामद चॉकलेट पाकिस्तान में बनी हैं. इस देश के पूर्व गृह मंत्री पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं. अगर वे पाकिस्तानी नहीं थे, तो चिदंबरम यह सवाल भी उठा रहे हैं कि पाकिस्तान पर हमला क्यों किया गया. 130 करोड़ लोग पाकिस्तान को बचाने की उनकी साजिश देख रहे हैं.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद हमारे डीजीएमओ ने पाक डीजीएमओ को सूचित किया कि भारत ने आत्मरक्षा के अपने अधिकार के तहत उनकी जमीन पर आतंकी ढांचे पर हमला किया है. ऐसा मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान नहीं हो सकता था, आतंकवादी आए और हमे मार कर चले गए और हम चुपचाप बैठे रहे.’

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com