
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । अनिल अंबानी की कंपनियों पर ईडी की छापेमारी चल रही है। ये छापेमारी अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में की जा रही है।
ये कार्रवाई नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी, बैंक ऑफ बड़ौदा और सीबीआई की दो एफआईआर के आधार पर की गई। अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारियों के परिसरों में भी तलाशी ली जा रही है।
ईडी को जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि यह सार्वजनिक धन की हेराफेरी के लिए रची गई एक सुनियोजित साजिश थी। इसमें कई संस्थानों, बैंकों, शेयरधारकों और निवेशकों को ठगा गया। घूसखोरी के एंगल से भी जांच की जा रही है, जिसमें यस बैंक के प्रमोटर्स भी संदेहास्पद हैं।
साल 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपये के ऋण की अवैध तरीके से हेराफेरी और दुरुपयोग का शक है।
इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने हाल ही में अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया था। इस महीने की शुरुआत में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन के लोन अकाउंट को स्टेट बैंक से बड़ा झटका मिला था। स्टेट बैंक ने कंपनी को दिसंबर 2023, मार्च 2024 और सितंबर 2024 में कारण बताओ नोटिस भेजा था। कंपनी के जवाब की समीक्षा करने के बाद बैंक ने कहा था कि अनिल अंबानी की कंपनी ने अपने लोन की शर्तों का पालन नहीं किया और अपने अकाउंट्स के संचालन में अनियमितताओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी। ईडी की रेड में 35 से ज्यादा ठिकाने, 50 कंपनियां और 25 से अधिक लोग जांच के घेरे में हैं। मामला पूरी तरह से एक बड़े बैंकिंग घोटाले की ओर इशारा कर रहा है। जांच जारी है।



