
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । वेस्ट आर्कटिक, साबाेरगा, पाेयूलविया लाेडाेनिया… क्या आपने कभी इन देशों के नाम सुने हैं? दरअसल, ये देश हैं ही नहीं मगर फिर भी इनका उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दूतावास था. हैरान न होना, इस दूतावास की कहानी अगर आप सुनेंगे तो माथा पकड़ लेंगे. दरअसल, गाजियाबाद के कविनगर में एक आलीशान कोठी में यह दूतावास बनाया गया था. इसे लेकर जो भंडाफोड़ हुआ है, उसे जानकर हर कोई सन्न है.
फर्जी ऑफिस के अंदर उसने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ अपनी मॉर्फ की गई तस्वीरों को लगा रखा था. ताकि लोगों को लगे कि वाकई वो कोई बड़ा अधिकारी है. हर्षवर्धन खुद को इन चार फर्जी देशों का कॉन्सुल/एम्बेसडर बताता था. वो इसके जरिए अवैध कारोबार भी करता था. हर्षवर्धन का मुख्य काम था- बेरोजगारों को विदेशों में काम दिलाने के नाम पर दलाली करना और शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चलाना.
चार लग्जरी कारें बरामद
यूपी एसटीएफ ने छापेमारी में हर्षवर्धन की इस कोठी से डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 लग्जरी कारें. काल्पनिक माइक्रोनेशन देशों के 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की फर्जी मोहर के साथ कूटरचित दस्तावेज, 2 फर्जी पैन कार्ड, 2 फर्जी प्रेस कार्ड, विभिन्न देशों और कंपनियों की 34 मोहरें, 44.7 लाख रुपये नकद, कई देशों की विदेशी मुद्रा, 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और कई कंपनियों के दस्तावेज बरामद किए. हर्षवर्धन ने कोठी में इन चार देशों के नकली झंडे तक लगा रखे थे.

हवाला का रैकेट चलाता था
हर्षवर्धन का यह अवैध कारोबार केवल भारत तक सीमित नहीं था, वह शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट चला रहा था, जिसके तार विदेशी अपराधियों से जुड़े होने की आशंका है. उसका नेटवर्क लोगों को विदेशों में नौकरी और व्यापार के अवसर दिलाने के नाम पर ठगी करता था. फर्जी दस्तावेजों और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट के जरिए वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन रहा था.

इंटरनेशनल कनेक्शन्स की जांच
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- हर्षवर्धन का यह रैकेट संगठित और सुनियोजित था. वह काल्पनिक देशों के नाम पर लोगों को ठगने के साथ-साथ अवैध धन के लेन-देन में भी लिप्त था. हम इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की जांच कर रहे हैं. हर्षवर्धन के पूर्व में चंद्रास्वामी और अदनान खगोशी ( इंटरनेशनल आर्म्स डीलर) से भी संपर्क में होना ज्ञात हुआ है। उल्लेखनीय है की 2011 में हर्षवर्धन से अवैध सॅटॅलाइट फ़ोन भी बरामद हुआ था ।

कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
हर्षवर्धन के खिलाफ कविनगर थाने में भारतीय दंड संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें धोखाधड़ी, जालसाजी, और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. एसटीएफ ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है ताकि उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों और हवाला रैकेट के विदेशी कनेक्शनों का पता लगाया जा सके.



