
संवाददाता
गाजियाबाद । गाजियाबाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जो फेसबुक पर लड़कियों की फर्जी प्रोफाइल से दोस्ती कर लोगों को शेयर और क्रिप्टोकरंसी में निवेश का लालच देता था। इस गिरोह ने अब तक कानपुर, आगरा, दिल्ली, नोएडा समेत देश के कई शहरों में कुल सात मामलों में 6.82 करोड़ रुपये की ठगी की है।
गिरोह का गिरफ्तार सदस्य दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-15 निवासी सुमित जिंदल है, जो बैंक खाते मुहैया कराने के साथ-साथ सक्रिय रूप से ठगी में शामिल था।
फेसबुक पर दोस्ती कर निवेश का झांसा देकर की जाती थी ठगी
इंदिरापुरम निवासी अंकित रस्तोगी ने बताया कि 26 फरवरी को किरन मेहता नामक युवती ने उनसे फेसबुक पर दोस्ती की और कुछ दिनों की बातचीत के बाद क्रिप्टो निवेश में भारी मुनाफा देने का लालच दिया। युवती ने एक फर्जी एप डाउनलोड कराया और 7 मार्च से 10 जुलाई के बीच 15 बार में एक करोड़ 82 लाख रुपये अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए। ठगी का अहसास होने पर 18 जुलाई को उन्होंने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराया।
आरोपित गिरोह को देता था बैंक खाते, नकद और दस्तावेज बरामद
पुलिस जांच में पता चला कि यह गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से संपर्क कर निवेश के नाम पर ठगी करता है। सुमित जिंदल नामक आरोपी इस गिरोह को कमीशन पर बैंक खाते उपलब्ध कराता था। पुलिस ने आरोपी के बैंक खाते में 25 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं, वहीं छह लाख रुपये नकद, एक मोबाइल, चार डेबिट कार्ड, दो चेकबुक, पांच चेक और दो मुहर भी बरामद की गई हैं।
गिरफ्तार आरोपी ने खोली पोल
पूछताछ में सुमित ने बताया कि उसके गिरोह में एक महिला समेत दो अन्य सदस्य हैं जो लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल होते हैं। पुलिस को इस गिरोह द्वारा किए गए छह और मामलों की जानकारी मिली है, जिनमें नोएडा के अशोक अग्रवाल से 3.26 करोड़, कानपुर के जितेंद्र पाठक से 17.30 लाख, आगरा के संदीप मल्होत्रा से चार लाख, दिल्ली के अंकुर तिवारी से 8.32 लाख, आंध्र प्रदेश की राधिका वसीरेड्डी से 59 लाख और कर्नाटक के मोहम्मद वायज से 87.50 लाख रुपये की ठगी की गई है।
तीन सदस्य फरार, पुलिस की टीमें कर रही तलाश
साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने फर्जी फर्मों के नाम से खाते खोलकर कई राज्यों में ठगी की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दो दिनों में सुमित को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के अन्य तीन सदस्य अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं। एसीपी क्राइम अंबुज सिंह यादव ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क काफी बड़ा है, और आगे की जांच में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।



