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अंतरिक्ष में लहराया भारत का परचम, शुभांशु शुक्ला की धरती पर हुई सेफ लैंडिंग

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। आईएसएस पर पहली बार भारत का परचम लहराकर 140 करोड़ से अधिक भारतीयों का स्वाभिमान सातवें आसमान पर पहुंचाने वाले गगनयात्री शुभांशु शुक्ला ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा के बाद वापस लौट आए हैं।

ये भारत के नागरिकों के लिए एक भावुक करने वाला पल है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों तक रहने के बाद शुभांशु एक्सिओम-4 मिशन के अपने तीन सहयोगी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आज दोपहर 3:01 बजे प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर उतरे।

ISS से धरती के बीच वापसी में शुभांशु और उनके सहयोगियों को कुल 22 घंटों का वक्त लगा। स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान सोमवार को आईएसएस से अलग हुआ। अनडॉकिंग (आईएसएस से अंतरिक्षयान से अलग होने) की प्रक्रिया भारतीय समयानुसार सोमवार को शाम लगभग 4:45 बजे हुई।

इसके ठीक 22 घंटे बाद ये सभी अंतरिक्ष यात्री 15 जुलाई दोपहर 3 बजे धरती पर पहुंचे। कैलिफोर्निया के तट पर ड्रैगन स्प्लैशडाउन हुआ, इसके बाद सभी अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया।

एक्सिओम-4 मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके तीन सहयोगियों ने ISS पर कुल 18 दिनों का वक्त बिताया। इससे पहले शुभांशु की वापसी 11 जुलाई को होनी थी, हालंकि, किसी कारणवश इसको 3 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया।

ड्रैगन कैप्सूल के समुद्र में आने के बाद आवश्यक कार्रवाई को पूरा किया गया, इसके बाद रिकवरी टीम के सदस्य ड्रैगन कैप्सूल के अंदर गए। इसके कुछ पल के बाद सभी अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकाला गया। बाहर निकले के दौरान शुभांशु के चेहरे पर खुशी झलक रही थी।

जानकारी दें कि एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री- मिशन कमांडर अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोस्ज उजनांस्की-विस्नीवस्की, हंगरी के टिबोर कापू 26 जून को आइएसएस पर पहुंचे थे।

जानकारी के अनुसार, इन अंतरिक्षयात्रियों ने आईएसएस से जुड़ने के बाद से लगभग 76 लाख मील की दूरी तय करते हुए पृथ्वी के चारों ओर लगभग 433 घंटे या 18 दिन तक 288 परिक्रमाएं कीं।

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