
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में शीर्ष पद पर नियुक्ति को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है. मौजूदा पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इससे पहले दिल्ली पुलिस महासंघ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली कैडर के आईपीएस अधिकारी को ही अगला पुलिस कमिश्नर बनाने की मांग की है. महासंघ का तर्क है कि लगातार दो बार बाहरी कैडर के अधिकारियों को दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया. दिल्ली की सामाजिक और भौगोलिक जटिलताओं को समझने में दिल्ली कैडर के अधिकारियों को आसानी होगी. इससे लॉ एंड आर्डर सुधरेगा और अपराध नियंत्रण भी होगा.
दिल्ली पुलिस महासंघ के अध्यक्ष व पूर्व एसीपी वेद भूषण का कहना है कि 1978 से अब तक चार बार दिल्ली से बाहर के अफसरों को कमिश्नर नियुक्त किया गया. एसएस जोग (बीएसएफ से प्रतिनियुक्त), अजय राज शर्मा (यूपी कैडर), राकेश अस्थाना (गुजरात कैडर) और मौजूदा दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा (तमिलनाडु कैडर) के हैं. महासंघ का तर्क है कि लगातार दो बार बाहर के कैडर के अधिकारियों को कमिश्नर नियुक्त किया गया है, दिल्ली कैडर के अफसरों की अनदेखी हुई है.
दिल्ली को जानने वाला अफसर ही करेगा बेहतरी
वेद भूषण का कहना है कि दिल्ली कैडर का अफसर राजधानी की भौगोलिक व सामाजिक जटिलताओं से परिचित होता है. उन्हें पता होता है कि कहां कैसी आबादी है, किस क्षेत्र में अपराध की प्रवृत्ति किस तरह की है और किस तरह की पुलिसिंग की जरूरत है. स्थानीय समझ रखने वाला अफसर अपराध नियंत्रण व कानून-व्यवस्था दोनों में ज्यादा प्रभावी सिद्ध होगा.
कौन-कौन हैं दिल्ली पुलिस के कमिश्नर की दौड़ में?
कमिश्नर की कुर्सी की दौड़ में तीन अधिकारियों का नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं, जो तीनों दिल्ली कैडर के अधिकारी हैं. ऐसे में उम्मीद है कि इस बार दिल्ली कैडर के अधिकारी को ही कमिश्नर की कुर्सी मिल सकती है. हालांकि केंद्र सरकार बाहर से किसी अधिकारी को लाकर दिल्ली कमिश्नर बना सकती है.
सतीश गोलछा: वर्ष 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी सतीश गोलछा वर्तमान में तिहाड़ जेल के महानिदेशक हैं. वह पूर्व में दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर (इंटेलिजेंस) और अरुणाचल प्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं. आंतरिक सुरक्षा, खुफिया संचालन व जेल प्रशासन का अनुभव उन्हें मजबूत दावेदार बनाता है.
प्रवीर रंजन: वर्ष 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीर रंजन फिलहाल सीआईएसएफ में एडीजी हैं. वर्ष 2021 से 2024 तक चंडीगढ़ के डीजीपी और दिल्ली में स्पेशल कमिश्नर (क्राइम) के रूप में काम कर चुके हैं. दिल्ली दंगों व किसान आंदोलन जैसे मामलों में निर्णायक भूमिका रही है.
वीरेंद्र सिंह चहल: 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी वीरेंद्र सिंह चहल दिल्ली पुलिस में स्पेशल पुलिस कमिश्नर हैं. वीरेंद्र सिंह चहल का करीब एक साल का कार्यकाल शेष (सेवानिवृत्ति जुलाई 2026) बचा है. वरिष्ठता और स्थिरता के लिहाज से गंभीर दावेदार माने जा रहे हैं.
वरिष्ठता में और भी लेकिन कार्यकाल कम
वरिष्ठता के आधार पर देखा जाए तो वर्ष 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी एस.बी.के. सिंह और वर्ष 1991 बैच की नुजहत हसन भी वरिष्ठ अधिकारी हैं, लेकिन उनका कार्यकाल महज 6 महीने का बचा हुआ है. जनवरी 2026 में ये अधिकारी रिटार्य हो जाएंगे. ऐसे में चर्चा है कि यदि वीरेंद्र सिंह चहल को कमिश्नर नियुक्त किया जाता है तो शेष को केंद्र में प्रतिनियुक्त किया जा सकता है.



