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CBI में अतिरिक्त निदेशक रहे एम. नागेश्वर राव को मिली नई जिम्मेदारी

नई दिल्ली। CBI में अतिरिक्त निदेशक रहे एम. नागेश्वर राव को नई जिम्मेदारी मिली है. राव अब अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के महानिदेशक नियुक्त किए गए हैं. बता दें सीबीआई के निदेशक बनने के पहले वह दक्षिणी ज़ोन के ज्वाइंट डायरेक्टर थे. उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में उन्होंने शारदा चिट फंड स्कैम की जांच भी की.

बेहतरीन रिकॉर्ड की वजह से राव को राष्ट्रपति पुलिस मेडल से नवाज़ा जा चुका है. इसके अलावा उन्हें स्पेशल ड्यूटी मेडल और गवर्नर मेडल भी उन्हें मिल चुका है. वह ओडिशा के चार जिलों मयूरभंज, नबरंगपुर, बरगढ़ और जगतसिंहपुर में पुलिस अधीक्षक के तौर पर भी काम कर चुके हैं. नागेश्वर राव राउरकेला और कटक में रेलवे में पुलिस अधीक्षक के साथ-साथ क्राइम ब्रांच के भी पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम कर चुके हैं.

राव पहले पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने ओडिशा में 1996 में एक रेप केस में जांच के लिए पहली बार डीएनए फिंगर प्रिंट का प्रयोग किया, जिसकी वजह से अपराधी को सात साल की सज़ा हुई. मणिपुर में डीआईजी (ऑपरेशंस), सीआरपीएफ के पद पर रहते हुए उग्रवादियों के खिलाफ इनके द्वारा की गई कार्रवाई की काफी तारीफ की गई.

साल 2008 में CRPF ईस्टर्न सेक्टर के थे आईजी 

2008 में सीआरपीएफ, ईस्टर्न सेक्टर के आईजी के पद पर रहते हुए उन्होंने कोलकाता के लालगढ़ में नक्सलवादियों के खिलाफ व्यक्तिगत स्तर पर ऑपरेशन की अगुवाई की थी. सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन को बनाने में भी इन्होंने बड़ी भूमिका अदा की. 2008 में ही आईजी सीआरपीएफ के रूप में काम करते हुए इन्होंने कंधमाल जिले में दंगों को नियंत्रित करने में भी बड़ी भूमिका निभाई.

फायर सर्विस के प्रमुख के रूप में नागेश्वर राव ने विभाग के काम करने के तरीके में काफी बदलाव किया. साइक्लोन फाइलिन और हुदहुद से समय फायर सर्विस द्वारा किए गए बेहतरीन काम के लिए उन्हें ‘सीएम अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस इन गवर्नेंस एंड इनोवेशन इन पब्लिक सर्विस’ दिया गया.

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