
नई दिल्ली। बजट से करदाताओं को निराशा हाथ लगी है। टैक्स प्रोफेशनल की मानें तो बजट में अगर टैक्स स्लैब को बढ़ाया जाता तो लोगों को ज्यादा फायदा होता। लेकिन घर खरीद पर टैक्स में साढे़ तीन लाख की छूट से रियल स्टेट में उछाल आ सकता है।सीए अश्विनी गौतम का कहना है कि बजट में इस वर्ष कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। सरकार को करदाताओं के लिए टैक्स स्लैब का दायरा ढाई लाख से बढ़ाकर कम से कम पांच लाख करना चाहिए था ताकि लोग अपने परिवारों के लिए भी कुछ बचत कर सकें। उन्होंने कहा कि मजदूर भी करीब 800 रुपये की दिहाड़ी ले रहे हैं और ऐसे में वह एक साल में करीब दो लाख 88 हजार रुपये कमाता है, लेकिन दिहाड़ी कैश में लेने के कारण वे टैक्स देने से बच जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने खाते से एक करोड़ की रकम निकालने पर 2 प्रतिशत टीडीएस काटने की घोषणा की है, इससे उन लोगों को नुकसान होगा, जिन्हें अपने कर्मचारियों को दिहाड़ी स्तर पर कैश में पैसे देने पड़ते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार 80सी नियम में बदलाव करके एलआईसी और पीपीएफ खातों के जरिये बचत की लिमिट को डेढ़ लाख से बढ़ाकर अनलिमिटेड करना चाहिए था, ताकि ज्यादा सेविंग करने वाले लोगों को भी इसका लाभ मिल पाता।
वहीं सीए राकेश कुमार का कहना है कि सरकार ने 45 लाख तक के घर की खरीद पर टैक्स में दो लाख की छूट को बढ़ाकर साढ़े 3 लाख किया है, इससे लोगों को डेढ़ लाख का फायदा पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा होने से रियल स्टेट को बढ़ावा मिलेगा, जिससे पिछले काफी समय से घाटे में चल रहा रियल स्टेट सेक्टर आगे बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बार डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए बैंक खाते से एक करोड़ रुपये निकालने पर दो फीसदी टीडीएस काटने का प्रावधान लागू किया है। वहीं उन्होंने कहा कि 400 करोड़ तक का सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है, जबकि पहले 250 करोड़ की कंपनी पर 25 प्रतिशत टैक्स लगता था। हालांकि पहले 400 करोड़ तक के टनर्पओवर वाली कंपनियों से 30 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता था, अब ऐसे कंपनियों को टैक्स में 5 प्रतिशत की छूट मिल सकेगी।



