
संवाददाता
वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान देकर विश्वभर के कई देशों की बड़ी चिंता बढ़ा दी है। ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि वे आज रात से 10 से 12 देशों को टैरिफ को लेकर चेतावनी भरी चिट्ठी भेजने वाले हैं, जिसमें संभवतः भारत का नाम भी शामिल हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, यह चिट्ठी उन देशों को भेजी जाएगी, जिनके साथ अमेरिका की ट्रेड डील अभी तक नहीं हुई है।
हालांकि ट्रंप ने उन देशों के नाम का खुलासा नहीं किया है, लेकिन अनुमान है कि इसमें भारत भी प्रमुख रूप से शामिल हो सकता है।गौरतलब है कि 2 अप्रैल को ट्रंप ने 200 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिसमें भारत का नाम भी शामिल था। हालांकि, इसके कुछ दिनों बाद ही इस फैसले को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसकी डेडलाइन 9 जुलाई है।
ट्रंप ने कहा है कि, “मैं देशों को लेटर भेजकर ये बताऊंगा कि या तो वे अमेरिका से व्यापार समझौता करें या फिर टैरिफ भुगतने के लिए खुद को तैयार कर लें।
“आगे उन्होंने ये बताया कि इस लेटर में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि किस देश पर कितना टैरिफ लगाया जाएगा।भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर संकट बरकरारहाल ही में खबर आई थी कि भारत और अमेरिका के बीच 48 घंटे में ट्रेड डील हो सकती है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि कुछ सेक्टर्स पर मतभेद अभी भी जारी हैं। अमेरिका की तरफ से एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम करने की मांग की जा रही है, लेकिन भारत इससे सहमत नहीं है। भारत का स्पष्ट रुख है कि वह अपने किसान और घरेलू उद्योगों के फायदों के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं करेगा।
भारत की मांग है कि अमेरिका अपने टैरिफ को करीब 10% या उससे कम करे, जबकि फिलहाल यह 26% तक है।अमेरिका चाहता है बड़ा बाजारजहां अमेरिका भारत में अपने कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए बड़ा बाजार चाहता है, वहीं भारत अमेरिका में अपने SME (Small and Medium Enterprises) उत्पादों में वृद्धि के लिए एक खुला बाजार चाहता है।ट्रंप का दावा बनाम भारत का आत्मनिर्भर रुखडोनाल्ड ट्रंप शुरू से यह दावा करते आ रहे हैं कि भारत अमेरिका के लिए बाजार खोल रहा है, लेकिन भारत की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि भारत केवल अपनी शर्तों पर ही डील करेगा और देशहित के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
बता दे, ट्रंप के हाल ही के बयान और चिट्ठी भेजने की चेतावनी से यह स्पष्ट होता दिखा रहा है कि टैरिफ वार एक बार फिर पूरे विश्व के सामने खड़ा हो सकता है। भारत जैसे देशों के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वह अमेरिका के दबाव में आए बिना आत्मनिर्भर और संतुलित व्यापार नीति को बनाए रखें।”



