
संवाददाता
नई दिल्ली । केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ी मिसाल पेश कर रहा है । अब सीआईएसएफ में आईजी स्तर के आधे पदों पर महिलाएं आसीन हो गई हैं, जो किसी भी अर्धसैनिक बल में सबसे अधिक है। एसएसबी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी जैसे बलों की तुलना में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है।
सीआईएसएफ ने कुछ साल पहले अपने ट्रांसफर नियमों में बदलाव कर युवाओं को बल की तरफ आकर्षित करने में बड़ी सफलता पाई थी। नतीजा यह हुआ कि सीआईएसएफ में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की दर सबसे कम रही। अब चार महिला अधिकारियों को इंस्पेक्टर जनरल बनाकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है।
आईजी शांति जयदेव डीआईजी रहते हुए पूर्वी भारत की कमान संभाल चुकीं है। शांति जयदेव को ईस्टर्न इंडिया की महारानी कहा जाता है। अब वह आईजी बनकर इस इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगी।
ज्योति सिन्हा आईजी (डीएई और डीओएस ) के तौर पर देश के परमाणु ऊर्जा और स्पेस सेंटर्स की सुरक्षा की कमान संभाल रही हैं।
प्रतिभा अग्रवाल आईजी (टेक एंड प्रोविजनिंग) के तौर पर सीआईएसएफ मुख्यालय में तकनीकी और संसाधन प्रबंधन का नेतृत्व कर रही हैं।
जबकि नीलिमा रानी आईजी (मध्य क्षेत्र) के तौर पर मध्य भारत में सीआईएसएफ की गतिविधियों को दिशा दे रही हैं। नीलिमा रानी की दृढ़ता ने इस क्षेत्र की सुरक्षा को और मजबूत किया है।
सीआईएसएफ का यह कदम सिर्फ पदोन्नति नहीं बल्कि एक मजबूत संदेश भी है। ये महिला अधिकारी अब बड़े-बड़े विभागों और फील्ड पोस्ट पर जिम्मेदारी संभाल रही हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। 10 मार्च 1969 को इसकी स्थापना हुई थी।
शुरू में इसका मकसद सार्वजनिक क्षेत्र के औद्योगिक उपक्रमों, जैसे- स्टील प्लांट, एनर्जी प्लांट और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करना था। सीआईएसएफ ने समय के साथ-साथ अपनी भूमिका का विस्तार किया। मौजूदा समय में सीआईएसएफ एयरपोर्ट, मेट्रो नेटवर्क, परमाणु, बंदरगाहों और सरकारी भवनों सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों की भी सुरक्षा करता है। अनुशासन, समर्पण और दक्षता के लिए इसके जवानों का लोहा माना जाता है। सीआईएसएफ का मुख्यालय दिल्ली में है।



