
संवाददाता
नई दिल्ली । नई दिल्ली नगर पालिका परिषद ( एनडीएमसी ) ने दिल्ली में एक अनूठी पहल की है. इसके तहत एनडीएमसी ने स्वच्छता और सतत विकास की दिशा में चाणक्यपुरी स्थित डी -1 व डी -2 ब्लॉक और सत्य सदन ऑफिसर फ्लैट को अनुपम कॉलोनी बनाने की शुरुआत कर दी है। ऐसे पहली बार हुआ है जब राजधानी में उपरोक्त कालोनियों को अनुपम कॉलोनी बनाया जा रहा है। यह निर्णय नवाचार और आत्मनिर्भर कचरा प्रबंधन प्रणालियों को देखते हुए लिया गया है।
नई दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में सत्य सदन कॉलोनी के स्थानीय निवासियों द्वारा अपनाई गई अनूठी स्वच्छता पहलों को मान्यता देने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि आरडब्ल्यूए द्वारा नियुक्त कचरा संग्रहकर्ताओं द्वारा घरों से एकत्र किए गए गीले कचरे को संसाधित करके जैविक खाद में बदल दिया जाता है। कॉलोनी से एकत्र किए गए सूखे कचरे को कचरा संग्रहकर्ताओं द्वारा 12 अलग-अलग श्रेणियों में अलग किया जाता है, जो दिल्ली में अपनी तरह का पहला प्रयोग है।
इस बाबत रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लूए ) द्वारा नियुक्त कचरा इक्कठा करने वालों लोगों द्वारा घरों से गीले कचरे के इस्तेमाल से जैविक खाद बनाई जाएगी। वहीं कॉलोनी से एकत्र किए गए सूखे कचरे को कचरा इकट्ठा करने वालों द्वारा 12 अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। साथ ही बागवानी कचरे से खाद बनाने के लिए पार्कों और सड़कों के किनारे कई वायर मेश राउंडर लगाए गए हैं। एनडीएमसी द्वारा तैयार जैविक खाद को कपास की थैलियों में भरकर निवासियों के बीच मुफ्त में बांटा जाएगा। इसके बाद बची हुई अतिरिक्त खाद को एनडीएमसी के बागवानी विभाग द्वारा हरित क्षेत्रों में उपयोग किया जाएगा।
अनुपम कॉलोनी की खास बात यह भी है कि ई-कचरा अलग से एकत्र किया जाएगा और अधिकृत सीपीसीबी रिसाइकिलर्स को भेजा जाएगा इसके अलावा, उसी साइट पर रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल/नेकी की दीवार केंद्र भी है, जहाँ निवासी अपने पुराने इस्तेमाल योग्य सामान जैसे कपड़े, खिलौने और जूते जरूरतमंद लोगों के इस्तेमाल के लिए दान कर सकते हैं।
अनुपम कॉलोनी परियोजना के पहले चरण के परिणामों के आधार पर एनडीएमसी क्षेत्र की अन्य कॉलोनियों में भी इस पहल को दोहराया जाएगा। यह सब आत्मनिर्भर कॉलोनियों के निर्माण की दिशा में उठाया गया कदम है, जहाँ उत्पन्न होने वाले सभी कचरे का उपयोग मौके पर ही किया जाएगा। साथ ही निकट भविष्य में ऐसी और कॉलोनियों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
एनडीएमसी के अध्यक्ष केशव चंद्र का कहना है कि, “यह पहल एक साफ स्वच्छ और हरित कल के लिए उद्देश्य पर आधारित है और भविष्य में इस मॉडल को एनडीएमसी क्षेत्र की अन्य कॉलोनियों में भी लागू किया जाएगा। इसप्रकार की आत्मनिर्भर कॉलोनियां दिल्ली के कचरा प्रबंधन के भविष्य का रास्ता दिखा सकती हैं।



