
संवाददाता
गाजियाबाद। डासना मंदिर से जुड़े एक गंभीर विवाद ने गाजियाबाद पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मंदिर की देखरेख करने वाले और यति नरसिंहानंद गिरी के करीबी शिष्य अनिल यादव की हिस्ट्रीशीट खोले जाने पर लगातार बवाल मचा हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर संत समाज से लेकर पुलिस अधिकारियों तक हलचल तेज हो गई है।
अनिल यादव ने खुद आगे आकर पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ तीन मुकदमे “राजनीतिक साजिश” के तहत दर्ज किए गए हैं और इन्हीं मामलों के आधार पर पूर्व पुलिस कमिश्नर के आदेश पर उनकी हिस्ट्रीशीट गलत तरीके से खोली गई है।
अब वर्तमान गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने मामले में जांच का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा है कि अगर पाया गया कि अपराध की प्रकृति हिस्ट्रीशीट खोलने योग्य नहीं है, तो वह इसे बंद कराएंगे। साथ ही इस प्रकरण को एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी को सौंपा गया है, जिनसे अब मंदिर प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मुलाकात करेगा।
यति नरसिंहानंद का बड़ा बयान

डासना मंदिर के पीठाधीश्वर और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने इस मुद्दे को बहुत गंभीर बताया है। उन्होंने कहा कि “छोटे नरसिंहानंद” कहे जाने वाले उनके शिष्य अनिल यादव को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। महाराज ने आरोप लगाया कि यह सब एक हत्या की साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने कहा, “जब पिछले वर्ष विशेष समुदाय की भीड़ ने मंदिर पर हमला बोला था, तब भी हमारी हत्या की साजिश रची गई थी। अब वही प्रयास दोबारा हो रहे हैं।”
आंदोलन की चेतावनी

नरसिंहानंद गिरी ने सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अनिल यादव की हिस्ट्रीशीट जल्द रद्द नहीं की गई, तो संत समाज आंदोलन करने को मजबूर होगा। “हम टकराव नहीं चाहते, लेकिन अपने शिष्यों को यूं ही मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। अगर मरना ही है, तो मैं अपने शिष्यों के साथ मरना पसंद करूंगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के माध्यम से भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया है।



