
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। बरसों से देश में ट्रांसजेंडर समुदाय को उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता रहा है. लेकिन, अब शिक्षा के बढ़ते स्तर और ट्रांसजेंडर समुदाय में अपने अधिकारों के प्रति बढ़ती जागरूकता ने उन्हें समाज का अंग बनाने की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. ट्रांसजेंडर्स को अब सरकारी सेवाओं और निजी कंपनियों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा ट्रांसजेंडर्स के लिए काम करने वाली संस्थाओं की भी संख्या बढ़ी है. यह संस्थाएं लगातार ट्रांसजेंडर के अधिकारों की प्रति सजग रहकर उनके लिए काम करती हैं और उनको उनके अधिकार दिलाती हैं.

ट्रांसजेंडर्स समुदाय के लिए रोजगार मेला: ट्रांसजेंडर्स को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उनकी मददगार संस्थाओं ने मिलकर के एक रोजगार मेले का आयोजन किया. इस मेले में 100 ट्रांसजेंडर को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया. इनमें से 58 ट्रांसजेंडर को मौके पर ही जॉब दी गई, जबकि बाकी अन्य की नियुक्ति की प्रक्रिया को भी शुरू किया गया. इस कार्यक्रम को ट्रांस अपॉइंटमेंट मेल 2025 का नाम दिया गया. मेले का उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार द्वारा किया गया. मेले का आयोजन होटल द ललित में किया गया. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से ट्वीट फाउंडेशन और इनहार्मनी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर से 160 से अधिक ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी उम्मीदवार शामिल हुए.
मेले में शामिल हुई 17 कंपनियां: मेले में 17 कंपनियों की भागीदारी रही. डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए हमारा अटूट समर्थन समानता, सम्मान और सशक्तिकरण के हमारे मूल मूल्यों को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा की गई गरिमा गृह जैसी पहल 21 राज्यों में सुरक्षित और सहायक आश्रय गृह जरूरतमंद लोगों के लिए आवास, स्वास्थ्य सेवा, कौशल प्रशिक्षण और कानूनी सहायता तक पहुँच सुनिश्चित करते हैं. 20 से अधिक कॉर्पोरेट भागीदारों द्वारा समर्थित ट्रांस एम्प्लॉयमेंट मेले जैसे प्लेटफ़ॉर्म न केवल आजीविका के द्वार खोलते हैं बल्कि समुदाय की प्रतिभा को भी दर्शाते हैं. पुलिस बल में शामिल होने से लेकर वकील, कलाकार और उद्यमी बनने तक, आपकी यात्राएँ एक अधिक समावेशी और दयालु भारत को प्रेरित करती हैं.
ट्वीट फाउंडेशन की संस्थापक अभिना अहेर ने कहा कि यह मेला नौकरियों से कहीं बढ़कर एक ऐसा स्थान प्रदान करता है जहाँ अक्सर हाशिये पर धकेले जाने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्ति गर्व के साथ कार्यबल में प्रवेश कर सकते हैं. अब समय आ गया है कि ट्रांसजेंडर समुदाय को दान के प्राप्तकर्ता के रूप में देखना बंद किया जाए और उन्हें विकास में योगदान देने वाले के रूप में पहचाना जाए. उन्होंने कहा कि 58 प्लेसमेंट से लेकर पिछले वर्ष 77 तक प्लेसमेंट तक हमने रोजगार की परिवर्तनकारी शक्ति देखी है. इस वर्ष 100 प्लेसमेंट का हमारा लक्ष्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने में अहम साबित होगा.



