
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली । साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब एक बड़ा व बहुत ही असरदार कदम उठाया है। बहुत जल्द ही राजधानी दिल्ली में एक अत्याधुनिक साइबर कंट्रोल रूम शुरू होने जा रहा है, जहां पर 24 घंटे बैंक और पुलिस मिलकर काम करेंगे, जिससे ठगी के मामलों में पीड़ितों के पैसों को तुरंत फ्रीज किया जा सके। पुलिस के इस अत्याधुनिक कंट्रोल रूम में सभी प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधि तैनात होंगे और साइबर ठगी की सूचना मिलते ही उसपर तत्काल एक्शन लिया जाएगा। दिल्ली के बाद इस तरह के अत्याधुनिक कंट्रोल रूम देश के अन्य राज्यों में भी खोलने की तैयारी है। सिर्फ 1930 नंबर पर ठगी की सूचना पुलिस को देनी है। इसके तुरंत बाद आप तक पहुंचेगी पुलिस। फिर पुलिस व बैंककर्मी मिलकर पैसे को जल्द फ्रीज कर देंगे।
आईएफएसओ में 50 लाख से अधिक की ठगी के मामले दर्ज होते हैं। आईएफएसओ के अतिरिक्त सभी 15 जिलों में साइबर सेल में छोटी ठगी, डिजिटल आरेस्ट आदि के मामले दर्ज होते हैं। आईएफएसओ में वर्ष 2024 में कुल 43 केस दर्ज हुए, जिसमें 59.6 करोड़ की ठगी हुई। 45 साइबर ठग गिरफ्तार हुए. वहीं, 59.6 करोड़ में से 16.81 करोड़ रुपये को ही फ्रीज किया जा सका। अब दिल्ली में नया डिजिटल एसेट रिकवरी कंट्रोल रूम भी शुरू किया जा रहा है। यहां पर हर प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड, निवेश घोटाले व फर्जी कॉल से जुड़े मामलों की रिपोर्टिंग होगी। साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसना आसान होगा. हेल्पलाइन की पहुंच बढ़ने व पुलिस-बैंक के समन्वय से न सिर्फ ठगी रोकी जा सकेगी बल्कि लोगों के पैसे भी सुरक्षित रहेंगे।
साइबर सेल के अधिकारियों के मुताबिक लोगों में जागरूकता की कमी के कारण ठगी के बहुत से मामले रिपोर्ट ही नहीं हो पाते। यदि समय रहते हेल्पलाइन पर संपर्क कर सूचना दी जाए तो ठगी किए गए पैसे को बैंक के जरिए तुरंत फ्रीज किया जा सकता है। क्योंकि साइबर ठगी के मामले में पीड़ित सूचना देने में देरी कर देते हैं। ऐसे में साइबर ठग पैसे मंगवाकर उन्हें दूसरे खातों में भेज देते हैं या निकाल लेते हैं।
आईएफएसओ में 2025 (मार्च तक) साइबर ठगी के आंकड़ों के मुताबिक अब तक कुल 36 दर्ज केस हुए जिनमें 38.84 करोड़ रुपये की रकम ठगी गई इनमें कुल 11 आरोपी गिरफ्तार हुए और 16.48 करोड़ रुपये की रकम फ्रीज की गई।



