
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद । बीते लंबे समय से गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर और आसपास के मुख्य मार्गाें पर अवैध रूप से वाहनों के खड़े होने से ट्रैफिक जाम की समस्या हो जाती थी। इससे ना सिर्फ अधिकारियों को परेशान होना पड़ता था बल्कि आम जनता भी कई बार इस समस्या से दो चार होते थे। मंगलवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसीपी ट्रैफिक जियाउद्दीन, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल, सिटी मजिस्ट्रेट संतोष कुमार उपाध्याय ने गाजियाबाद जिला मुख्यालय परिसर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने सबसे पहले कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट पर खड़े होने वाले वाहनों को लेकर नाराजगी जाहिर की। तो वहीं मीडिया सेंटर और उनके कार्यालय के मुख्य मार्ग पर खड़े होने वाले वाहनों को लेकर भी उन्होंने एसीपी ट्रैफिक जियाउद्दीन को निर्देश दिया है कि यहां पर किसी भी प्रकार के वाहनों की पार्किंग नहीं होनी चाहिए।
इसके साथ ही यहां पर यातायात पुलिस के टीएसआई और ट्रैफिक कांस्टेबल की निरंतर ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही डीएम दीपक मीणा ने इस दौरान परिसर में मौजूद मीडिया सेंटर, सूचना अधिकारी का कक्ष और विकास भवन के बाहर बने स्थल का निरीक्षण किया है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कलेक्ट्रेट प्रांगण की साफ-सफाई, स्वच्छता और सुंदरता पर ध्यान दिया जाए। साथ ही कलेक्ट्रेट और विकास भवन में एकल मार्ग यानी वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू की जाए।
अब डीएम आफिस पर मनमर्जी नहीं होगी वाहन पार्किंग
जिलाधिकारी दीपक मीणा ने मंगलवार को जिस तरीके से कलेक्ट्रेट परिसर में औचक निरीक्षण करते हुए ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिला मुख्यालय के मुख्य गेट से लेकर मुख्य मार्ग पर कहीं पर भी वाहनों को नहीं लगने देना हैं। इसमें पुलिस के वाहनों से लेकर अधिकारियों के वाहन और अधिवक्ताओं की गाड़ियों को भी यहां न खड़ा करवाए जाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही एसीपी ट्रैफिक को कहा गया है कि अब जिला मुख्यालय गाजियाबाद परिसर में प्रतिदिन टीएसआई और चार ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को प्रतिदिन तैनात करने के लिए कहा है। एसीपी ट्रैफिक जियाउद्दीन ने कहा है कि बुधवार से जिला मुख्यालय परिसर में यातायात और पार्किंग की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। इस दौरान जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा है कि जो लोग भी नियमानुसार वाहन पार्किंग ना करें, ऐसे वाहनों का चालान किया जाए, उनके मालिकों को स्पष्ट समझाया जाए की पार्किंग स्थल पर ही वाहन खड़े किए जाएं।



