
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना के एक्टिव 104 मामले सामने आने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को राजनिवास में बैठक बुलाई है. इस बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार भी शामिल हुए. बैठक के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि कोविड मौसमी वायरस है इससे कोई चिंता की बात नहीं है. ये ऐसा वायरस नहीं है जिससे दिल्ली के लोगों को कोई चिंता होनी चाहिए. दिल्ली में इसके लिए पूरी तैयारी है. कोई भी शख्स परेशान न हो.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है. पिछले सात दिनों में दिल्ली में 99 मामलों की पुष्टि हुई है और इस दौरान 24 मरीज रिकवर भी हुए हैं. सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में कोविड के कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 104 तक पहुंच गई है. केंद्र सरकार के कोविड डैशबोर्ड के अनुसार नए मामलों में दिल्ली देश में तीसरे स्थान पर है. इस रिपोर्ट के अनुसार, जहां दिल्ली में 99 नए मामले आए है, वहीं महाराष्ट्र में 153 और केरल में 335 मामलों की पुष्टि हुई है. दिल्ली में 19 मई के बाद 24 मरीज रिकवर भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है.
मुख्य सचिव के मुताबिक, कोरोना का संक्रमण किस वजह से हो रहा है, कौन सा नया वैरिएंट है या पुराना वैरिएंट है, इसका पता लगाने के लिए एलएनजेपी अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिंग जांच शुरू कर दी गई है. इसके लिए सभी सेंटरों से कोविड पॉजिटिव सैपल एलएनजेपी भेजे जाएंगे.
एम्स ने भी अपने कोविड पॉजिटिव मरीजों का सैपल एलएनजेपी भेजने का फैसला किया है. वर्तमान हालात को देखते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सभी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की तरफ से एक निर्देश जारी कर अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी दवाओं, वैक्सीन और गंभीर मरीजों के इलाज के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है. कोविड के कंफर्म मामले और इन्फ्लूएंजा (फ्लू) मामलों की जानकारी विशेष फॉर्म में देने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा सभी क्लिनिकल विभागों को रोजाना यह जानकारी मेडिकल रिकॉर्ड विभाग, मेन अस्पताल को देने को कहा गया है.
कोविड- JN.1 का क्या है लक्षण:
कोरोना वायरस के JN.1 वेरिएंट तेजी से फैलने की क्षमता रखता है. इसे ओमीक्रॉन का सब वेरिएंट भी बताया जा रहा है. इस वेरिएंट के लक्षणों में खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खराश, थकान, सर दर्द और गंध और स्वाद में कमी महसूस होना है. एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना वायरस का यह वेरिएंट अधिक संक्रामक है, लेकिन इस वेरिएंट की इंटेंसिटी बेहद कम है. व्यक्ति होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जाता है. अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है.



