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ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने लिया पहलगाम का बदला, पाक-पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक

भारत के तीन तरफा हमले से पाकिस्तान की हवा टाइट, पाक ने की 26 आतंकियाें के मारे जाने की पुषिट

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अब भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। आर्म्ड फोर्सेज ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया है। इसमें 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई है। सरकार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों पर हमला किया गया। बयान में कहा गया है कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।

ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू

भारत ने पहलगाम हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान से लिया है। भारतीय सेना की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका शामिल हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, पहलगाम का हमला बर्बरपूर्ण था। परिवारवालो के सामने उनके लोगों को मारा गया। इस हमले का मुख्य उद्देश्य कश्मीर को फिर से उजाड़ने का था। हमले का उद्देश्य सांप्रदायिक भावना को भड़काना था।

इस स्थिति को देखते हुए एयर इंडिया ने जम्मू, श्रीनगर, लेह, जोधपुर, अमृतसर, भुज, जामनगर, चंडीगढ़ और राजकोट से आने-जाने वाली सभी उड़ानें 7 मई दोपहर तक रद्द कर दी हैं। कंपनी ने कहा है कि आगे की जानकारी मिलते ही अपडेट दिया जाएगा। एयर इंडिया ने यह भी बताया कि अमृतसर जाने वाली दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को दिल्ली भेज दिया गया है। यात्रियों को हुई परेशानी के लिए खेद जताया गया है। इंडिगो एयरलाइंस ने भी जानकारी दी कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए आज के लिए श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़, धर्मशाला, बीकानेर और जोधपुर से उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। यात्रियों से अपील की गई है कि वे हवाई अड्डे पर जाने से पहले अपनी उड़ान की स्थिति जांच लें।

इन ठिकानाें का बनाया निशाना

बुधवार तड़के भारत ने समन्वय तरीके से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें आतंक के वो अहम ठिकाने शामिल हैं, जो लंबे समय से आतंकियों की पनाहगाह बने हुए थे। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में जिन नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया है, उनमें बहावलपुर, मुरीदके, चक अमरू, सियालकोट, भीमबेर, गुलपुर, कोटली, बाघ और मुजफ्फराबाद के इलाके शामिल हैं।

 ‘आत्मघाती ड्रोन्स’, जिसने बाज की तरह झपटकर भारत के दुश्मनों का किया सफाया

ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने लोइटरिंग म्यूनिशन या आत्मघाती ड्रोन्स का इस्तेमाल किया। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने समन्वय तरीके से काम करते हुए पूरी सटीकता से आतंकी ठिकानों पर हमला किया। हमले के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आतंकी ठिकानों की सूचना दी। इस पूरी कार्रवाई को भारतीय सीमा से ही अंजाम दिया गया।

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लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं। आत्मघाती ड्रोन्स का साइज, पेलोड और वारहेड अलग-अलग हो सकते हैं। लोइटरिंग म्यूनिशन एक ही बार के लिए इस्तेमाल होते हैं क्योंकि ये अपने टारगेट के साथ ही फटकर तबाह हो जाते हैं। आत्मघाती ड्रोन्स का इस्तेमाल पहली बार साल 1980 में हुआ था, लेकिन 1990 और 2000 के दशक में इनका इस्तेमाल बढ़ा। यमन, इराक, सीरिया और यूक्रेन की लड़ाई में इन ड्रोन्स का इस्तेमाल खूब हुआ है। साल 2021 में व्यापारिक जहाजों को भी आत्मघाती ड्रोन्स से निशाना बनाया जा रहा है।

भारत के सर्जिकल स्ट्राइक पर इजराइल का समर्थन

भारत में इजराइल के राजदूत रियुवेन अजार ने सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा कि इजराइल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है। आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि निर्दोषों के खिलाफ उनके जघन्य अपराधों से बचने के लिए उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं है।

ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ भारतीय सशस्त्र सेना के पराक्रम की पहचान नहीं है, बल्कि यह देश के करीब 140 करोड़ लोगों के उस संकल्प का नतीजा है, जिसने पहलगाम हमले का माकूल जवाब देने की ठान रखी है। 22 अप्रैल को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में जो कुछ किया, उसका खामियाजा पाकिस्तान को भारत के तीन तरफा हमले से भुगतना पड़ रहा है, जिसकी टीस उसे भविष्य में भी महसूस होती रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही सार्वजनिक बयान में साफ कर दिया था कि पहलगाम के गुनहगारों और उनके आकाओं को ऐसी सजा मिलेगी, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। भारत ने पाकिस्तान से बदला लेने की कार्रवाई हमले के एक दिन बाद से ही शुरू कर दी थी; और 25 भारतीयों और एक विदेशी नागरिक की 13वीं खत्म होते ही भारत ने जो सैन्य कार्रवाई की है, उसके लिए भारत अपनी कूटनीति और सामरिक रणनीति से पहले से ही जमीन तैयार कर चुका था। यही वजह है कि पाकिस्तान आज तीन तरफ से घुटने पर बैठने को मजबूर हो चुका है

तीसरा हमला: पहलगाम का बदला,ऑपरेशन सिंदूर

भारतीय सशस्त्र सेना का पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में किया गया ऑपरेशन सिंदूर इतना सटीक और लक्षित था कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के दर्जनों ठिकाने मिनटों में नेस्तनाबूद हो गए। भारतीय सेना ने Pok में नियंत्रण रेखा (LoC) से 8 किलोमीटर सरजल से लेकर पाकिस्तान के भीतर 100 किलोमीटर दूर बहावलपुर तक को निशाना बनाया और पाकिस्तानी फौज मुंह ताकते रहने को मजबूर हो गई। भारत से हुए मिसाइल हमलों के बाद की जो तस्वीरें और विजुअल वायरल हैं, उनसे साबित होता है कि दहशतगर्दों को मिट्टी में मिलाने का भारत का वादा भी पूरा हुआ है। यही वजह है कि अपनी पहली प्रतिक्रिया में भारतीय सेना ने X पर लिखा ‘न्याय हुआ। जय हिंद! (Justice is Served.Jai Hind!)।’

रक्षा मंत्रालय की ओर से X पर जारी बयान में कहा गया, ‘भारत ने Operation Sindoor शुरू किया है। यह पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है। हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये हमले सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए किए गए। खास बात यह है कि भारत ने पाकिस्तान की सेना के ठिकानों पर हमला नहीं किया। इससे पता चलता है कि भारत सोच-समझकर काम कर रहा है और तनाव नहीं बढ़ाना चाहता। भारत यह दिखाना चाहता है कि वह दोषियों को सजा देगा, लेकिन बिना बात के लड़ाई नहीं चाहता।’

दूसरा हमला: पाकिस्तान को अलग-थलग किया

भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई निश्चित समझकर पाकिस्तान की ओर से लगातार भड़काऊ बयान दिए जाते रहे हैं। परमाणु बम के इस्तेमाल की धमकी देकर पूरी दुनिया के अस्तित्व मिटाने तक की चेतावनी दी गई। सिंधू नदी के पानी में खून की धारा बहाने तक की गीदड़भभकी भी दी गई। लेकिन,भारत का इरादा टस से मस नहीं हुआ। एक तरफ भारतीय सशस्त्र सेना को सैन्य कार्रवाई की खुली छूट दी गई तो दूसरी तरफ दुनिया भर के देशों को कूटनीतिक स्तर पर भारत यह समझाने में कामयाब हो गया कि आतंकवाद किसी का सगा नहीं है। यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य होने की वजह से पाकिस्तान वहां भी भारत के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा लेकर पहुंचा था, लेकिन अपने देश में आतंकवाद को समर्थन देने की वजह से उसे वहां भी भारी फजीहत झेलनी पड़ गई।

यह लड़ाई किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद और आतंकवाद को संरक्षण देने वालों के विरोध में है, भारत दुनिया को यह संदेश देने में पूरी तरह से सफल रहा है। यही वजह है कि भारत की ओर से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में हुई भारतीय सैन्य कार्रवाई पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पहली प्रतिक्रया में मात्र इतना कहा कि ‘उम्मीद है कि यह (भारतीय सैन्य कार्रवाई) जल्द खत्म हो जाएगा।’ इससे पहले भारत ने रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इजरायल, इटली, जापान, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात (UAR) और ईरान सबको साधने में सफल रहा है।

तीसरा हमला: पाकिस्तान की तोड़ी कमर

पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला हुआ और 23 अप्रैल से ही भारत ने कूटनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान की कमर तोड़नी शुरू कर दी थी। भारत की जिन कार्रवाइयों से मौजूदा समय में और भविष्य में इससे भी ज्यादा पाकिस्तान को नुकसान होने की आशंका पैदा हुई है, उसमें सिंधु जल संधि रोकना, हाइड्रोइलेक्ट्रिक फैसिलिटीज के लिए स्टोरेज क्षमता बढ़ाने की गति में तेजी लाना, वाघा-अटारी बॉर्डर बंद करना, पाकिस्तान एयरलाइंस के लिए भारतीय एयरस्पेस बंद करना, पाकिस्तान से आयात और निर्यात पर रोक, शिपिंग संबंधों का निलंबन, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से पाकिस्तान की फंडिंग रोकने की मांग, कुछ ऐसे कदम हैं, जिनकी वजह से पाकिस्तान की आर्थिक कमर टूटनी तय है। आने वाले समय में पाकिस्तान की खेती चौपट हो सकती है, जो कि मूल रूप से सिंधु जल संधि के दम पर ही होती रही है। यही वजह है कि मूडीज रेटिंग्स ने आशंका जताई है कि पाकिस्तान का विदेश मुद्रा भंडार, जो किसी तरह से 15 बिलियन डॉलर को ही पार कर पाया है, वह भारत के साथ तनाव जारी रहने पर रसातल में जा सकता है। क्योंकि, पाकिस्तान के रक्षा बजट में पहले ही भारी बढ़ोतरी की रिपोर्ट आ रही हैं, जिसकी वजह से आशंका है कि उसके कर्ज का भार और बढ़ सकता है।

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