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सिंधु जल समझौता निलंबित, पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द, अधिकारियों को देश-निकाला, अटारी सीमा बंद: पहलगाम हमले के बाद एक्शन में भारत

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली। भारत ने अब बयानबाज़ी की जगह एक्शन के जरिए पाकिस्तान को जवाब देना शुरू कर दिया है। जहाँ एक तरफ जम्मू कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 28 भारतीयों का ख़ून बहाने वाले आतंकियों के ख़िलाफ़ सफाया अभियान शुरू कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ़ भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय दबावों की परवाह किए बिना इतिहास में हुए भूलों को सुधारने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही स्थगित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमले के एक दिन बाद बुधवार (23 अप्रैल, 2025) को भारत लौट आए। इसके बाद CCS (कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी) की बड़ी बैठक हुई।

भारत ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए न केवल सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, बल्कि भारत में मौजूद कई पाकिस्तानी राजनयिकों एवं कर्मचारियों ‘अवांछनीय’ करार दिया है, जिसके बाद उन्हें अपने मुल्क़ वापस लौटना पड़ेगा। साथ ही अनंतनाग पुलिस ने इस ख़तरनाक हमले में शामिल सभी आतंकियों की सूचना के लिए 20 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। साथ ही गुरुवार (24 अप्रैल, 2025) को इस संबंध में सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इसके लिए सभी दलों से बात करने की जिम्मेदार सौंपी गई है।

साथ ही पाकिस्तानियों के लिए किसी भी प्रकार की वीजा की सुविधा को निलंबित कर दिया गया है। एक के बाद एक करके मोदी सरकार ने पाकिस्तान की नकेल कस दी है। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने इन फ़ैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली में मौजूद पाकिस्तान के रक्षा, सैन्य, नौसेना-विषयक अधिकारियों व एयर अडवाइजर्स को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। उन्हें इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। साथ ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमीशन से भी सभी कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया है। दोनों हाई कमिशनों में ऐसे सभी पदों को रद्द कर दिया गया है।

सर्विज एडवाइजरों के पाँच सपोर्ट स्टाफ भी दोनों हाई कमिशनों से हटाए जाएँगे। 1 मई, 2025 से कार्रवाई करते हुए हाई कमीशन में मौजूद कर्मचारियों की संख्या को 55 से 30 पर लाया जाएगा। अटारी स्थित इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट को भी बंद कर दिया गया है। इस रास्ते से यहाँ वैध तरीके से आने वालों को 1 मई, 2025 तक वापस जाने के लिए कह दिया गया है। साथ ही SAARC वीजा एक्सेम्पशन स्कीम (SVES) के तहत भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया गया है।

उन्हें देश छोड़ने के लिए 48 घंटों का समय दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित CCS की बैठक में पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की गई। सभी सशस्त्र बलों को हाई अलर्ट पर रहने को बोल दिया गया है। न केवल इस घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों, बल्कि उनके पीछे जो लोग हैं उन्हें भी सज़ा देने का ऐलान किया गया है। तहव्वुर राना को 26/11 आतंकी हमला के मामले में भारत लाए जाने का उदाहरण देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर भागने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।

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