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CISF की पहल से आत्महत्याओं में 40% की कमी, राष्ट्रीय औसत से नीचे पहुंचा मृत्यु दर

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली । केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपने जवानों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं. इसमें कई तरह के एक्स्ट्रा एक्टिविटी जैसे डेली ‘ब्रिफिंग-डीब्रिफिंग’ सत्रों का आयोजन, प्रोजेक्ट ‘मन’ शामिल है. इन प्रयासों का असर यह हुआ है कि 2024 में सीआईएसएफ के आत्महत्या के मामलों में 40% की कमी दर्ज की गई है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में देश की औसत आत्महत्या दर प्रति लाख 12.4 थी. 2024 में, CISF ने अपनी आत्महत्या दर को घटाकर प्रति लाख 9.87 कर दिया, जो पिछले पांच सालों में पहली बार राष्ट्रीय औसत से नीचे है. सीआईएसएफ ने जवानों के तनाव को कम करने के लिए नई पोस्टिंग नीति कई मायनों में सराहनीय कदम हैं.

तनाव कम करने के लिए विशेष कदम

सीधा संवाद: कमांडिंग अधिकारी नियमित रूप से जवानों के साथ सीधे बातचीत करते हैं. “अपने जवानों को जानें और उनकी बातें सुनें” जैसे प्रयासों से तनाव के शुरुआती संकेतों को पहचाना जा रहा है. रोजाना होने वाले “ब्रिफिंग-डीब्रिफिंग” सत्रों में जवानों की समस्याओं पर तुरंत ध्यान दिया जा रहा है.

योग और खेलकूद: हर यूनिट में प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों की मदद से नियमित योग कक्षाएं चल रही हैं. जवानों और अधिकारियों के लिए रोजाना एक घंटे का खेल सत्र आयोजित किया जा रहा है.

ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली: जवानों की शिकायतों को जल्दी सुलझाने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है, जो डीजी स्तर तक निगरानी सुनिश्चित करता है.

प्रोजेक्ट “मन”: 24×7 टेली-काउंसलिंग और व्यक्तिगत काउंसलिंग के जरिए जवानों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जा रही है. अब तक 4200 से अधिक जवानों ने इस सेवा का लाभ उठाया है.

मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन: एम्स, नई दिल्ली के सहयोग से एक व्यापक मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन किया गया. इसकी सिफारिशें यूनिट स्तर पर लागू की जा रही हैं.

नई पोस्टिंग नीति: दिसंबर 2024 में एक नई एचआर नीति लागू की गई, जिसमें पोस्टिंग के लिए जवानों की पसंद को प्राथमिकता दी गई है. यह नीति महिला जवानों, विवाहित जोड़ों और रिटायरमेंट के करीब पहुंच रहे कर्मियों की जरूरतों का विशेष ध्यान रखती है.

सीआईएसएफ का आत्महत्या दर 2024 में राष्ट्रीय औसत से नीचे आ गया है. इन प्रयासों से जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्य-जीवन संतुलन में सुधार हुआ है. सीआईएसएफ का कहना है कि बल के सदस्यों के कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए ये पहल आगे भी जारी रहेंगी.

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