latest-news

कैबिनेट ने देश के उन जिलों में 28 नए नवोदय विद्यालय स्थापित करने की मंजूरी दी, जहां ये नहीं हैं

विशेष संवाददाता

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने नवोदय विद्यालय योजना (केन्द्रीय क्षेत्र की योजना) के अंतर्गत देश के उन जिलों में 28 नवोदय विद्यालय (एनवी) स्थापित करने को मंजूरी दे दी है जहां ये नहीं हैं।

28 नवोदय विद्यालयों की स्थापना के लिए 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों की अवधि में कुल 2359.82 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है। इसमें 1944.19 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय घटक और 415.63 करोड़ रुपये का परिचालन व्यय शामिल है।

इस परियोजना को लागू करने के लिए 560 छात्रों की क्षमता वाले एक पूर्ण विकसित नवोदय विद्यालय को चलाने के लिए समिति द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप प्रशासनिक ढांचे में पदों के सृजन की आवश्यकता होगी। इस प्रकार 560 x 28 = 15680 छात्र लाभान्वित होंगे। प्रचलित मानदंडों के अनुसार एक पूर्ण नवोदय विद्यालय 47 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है और तदनुसार स्वीकृत 28 नवोदय विद्यालय 1316 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार प्रदान करेंगे। स्कूल के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए निर्माण और संबद्ध गतिविधियों से कई कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। अपनी आवासीय प्रकृति के कारण प्रत्येक नवोदय विद्यालय स्थानीय विक्रेताओं के लिए आवश्‍यक वस्‍तुओं की आपूर्ति जैसे भोजन, उपयोग में आने वाली सामग्रियों, फर्नीचर, शिक्षण सामग्री आदि और स्थानीय सेवा प्रदाताओं जैसे नाई, दर्जी, मोची, हाउसकीपिंग और सुरक्षा सेवाओं के लिए जनशक्ति आदि के अवसर पैदा करेगा।

नवोदय विद्यालय पूरी तरह से आवासीय, सह-शिक्षा विद्यालय हैं जो मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आए प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना कक्षा VI से XII तक अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करते हैं। इन विद्यालयों में प्रवेश चयन परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। लगभग 49,640 छात्र हर साल कक्षा VI में नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेते हैं।

अब तक, देश भर में 661 स्वीकृत नवोदय विद्यालय हैं [जिनमें एससी/एसटी आबादी की बड़ी संख्या वाले 20 जिलों में दूसरा नवोदय विद्यालय और 3 विशेष नवोदय विद्यालय शामिल हैं]। इनमें से 653 नवोदय विद्यालय चल रहे हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसरण में, लगभग सभी नवोदय विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में नामित किया गया है, जो एनईपी 2020 के कार्यान्वयन को दर्शाता है और दूसरों के लिए अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस योजना की खूब सराहना की जा रही है और हर साल नवोदय विद्यालयों में छठी कक्षा में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। हाल के वर्षों में, नवोदय विद्यालयों में नाम लिखवाने वाली लड़कियों (42 प्रतिशत), साथ ही एससी (24 प्रतिशत), एसटी (20 प्रतिशत) और ओबीसी (39 प्रतिशत) बच्चों की संख्‍या में वृद्धि देखी गई है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी के लिए सुलभ है।

सीबीएसई द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षाओं में नवोदय विद्यालयों के छात्रों का प्रदर्शन लगातार सभी शैक्षणिक प्रणालियों में सर्वश्रेष्ठ रहा है। नवोदय विद्यालयों के छात्र शहरी भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं के बराबर इंजीनियरिंग, चिकित्सा विज्ञान, सशस्त्र बलों, सिविल सेवाओं आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com