विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। आप भी यदि बच्चों को वाहन चलाने को देते हैं तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि ऐसा करने पर आपको सजा भी हो सकती है। इतना ही नहीं वाहन का रजिस्ट्रेशन एक वर्ष के लिए सस्पेंड करने के साथ ही नाबालिग करे 25 वर्ष की उम्र तक ड्राईविंग लाइसेंस न दिए जाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। बता दें कि सड़क सुरक्षा के मामले में सरकार गंभीर है और नाबालिग के हाथ में वाहन थमाकर आप न केवल अपने बच्चे की बल्कि दूसरों की भी जान खतरे में डालने का काम कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस का प्रवर्तन का काम भी इतना ढीला नहीं रह गया कि आपका बच्चा ज्यादा दिन उसकी नजर से बच पाएगा।
आरटीओ को भेजी जा रही जार्चशीट
नाबालिग के वाहन चलाते पकड़े जाने पर पुलिस वाहन स्वामी के खिलाफ केस दर्ज करती है। गाजियाबाद पुलिस पांच माह में 192 केस दर्ज कर चुकी है। पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र के मुताबिक इनमें से 182 मामलों में पुलिस कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। केस दर्ज होने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होना तो सामान्य बात है लेकिन पुलिस अब तक 171 मामलों में आरटीओ को भी रिपोर्ट भेज चुकी है।
पुलिस ने कहा कार्रवाई करो
पुलिस ने आरटीओ को चार्जशीट भेजकर कहा है कि नाबालिग के वाहन चलाते पकड़े जाने के मामलों में वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए निलंबित कर दिया जाए, इसके साथ ही ऐसे मामलों से संबंधित नाबालिग की ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की न्यूनतम आयु 18 से बढ़ाकर 25 वर्ष कर दी जाए। आरटीओ पुलिस की इस संस्तुति पर गंभीरता से विचार भी कर रहा है। आरटीओ का भी मानना है कि सड़क सुरक्षा के लिए नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ सख्ती जरूरी है।
क्या कहते हैं पुलिस कमिश्नर
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्र के मुताबिक नाबालिग के हाथों में वाहन देने पर वाहन स्वामी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना या तीन साल की सजा का प्रावधान है। जुर्माना और सजा दोनों भी हो सकते हैं। उनका कहना है कि नाबालिग के वाहन चलाते समय दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है, इससे न केवल नाबालिग की बल्कि सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि बच्चे के बालिग होने के बाद ड्राईविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करें और वैद्य ड्राइविंग लाईसें होने पर वाहन चलाने की अनुमति दें।



