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जंतर-मंतर पर कुश्ती को लेकर फिर से प्रदर्शन शुरू, निशाने पर बजरंग पूनिया, साक्षी और विनेश फोगाट

विशेष संवाददाता

नई दिल्‍ली । भारतीय कुश्ती में पिछले एक साल से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। सीनियर पहलवानों के प्रदर्शन के बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उसके बाद चुनाव हुए तो खिलाड़ियों ने नए अध्यक्ष संजय सिंह का विरोध किया। साक्षी मलिक ने संन्यास का एलान कर दिया और बजंरग पूनिया-विनेश फोगाट ने अपने पुरस्कार वापस कर दिए। खेल मंत्रालय ने फिर कुश्ती संघ को ही निलंबित कर दिया। अब बुधवार (तीन जनवरी) को एक बार फिर पहलवान जंतर-मंतर पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस बार यह विरोध कुश्ती संघ या उसके अधिकारियों के खिलाफ नहीं बल्कि बजरंग, साक्षी और विनेश फोगाट के खिलाफ है।

भारतीय कुश्ती में चल रहे संकट ने बुधवार को एक नया मोड़ ले लिया जब सैकड़ों जूनियर पहलवान अपने करियर के एक महत्वपूर्ण वर्ष के नुकसान के विरोध में जंतर-मंतर पर एकत्र हो गए। इस स्थिति के लिए उन्होंने शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश को दोषी ठहराया। बसों में भरकर, जूनियर पहलवान उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।

जंतर-मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन। – फोटो : सोशल मीडिया

बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ लगाए नारे
लगभग 300 लोग छपरौली, बागपत में आर्य समाज अखाड़े से आए थे, जबकि कई अन्य नरेला में वीरेंद्र कुश्ती अकादमी से आए थे। कई लोग अभी भी बसों में भरे हुए हैं। सभी अपने सहयोगियों के साथ प्रदर्शन में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। सुरक्षाकर्मियों को उन्हें नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वह बजरंग, साक्षी और विनेश के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथ में बैनर थे जिन पर लिखा था, ”यूडब्ल्यूडब्ल्यू हमारी कुश्ती को इन तीन पहलवानों से बचाएं।”

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक – फोटो : सोशल मीडिया

एक साल पहले शीर्ष तीन पहलवानों को मिला था भारी समर्थन
लगभग एक साल पहले जंतर-मंतर पर शीर्ष तीन पहलवान अपने उद्देश्य के लिए भारी समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे थे। उन्होंने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। किसान समूहों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, महिला समूहों और कुश्ती बिरादरी के सदस्यों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के हजारों लोग मलिक, फोगाट और पूनिया के समर्थन में सामने आए।

क्या है पहलवानों की मांग?
इन तीनों को अब अपने समुदाय के भीतर से विरोध का सामना करना पड़ रहा है और जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए लोगों ने उन पर अपना करियर बर्बाद करने का आरोप लगाया है। जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताएं रुकी हुई हैं क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ को दो बार निलंबित कर दिया गया है। अब एक तदर्थ पैनल खेल का संचालन कर रहा है। बुधवार को विरोध करने वालों ने मांग की कि खेल मंत्रालय द्वारा खेल को चलाने के लिए नियुक्त किए गए तदर्थ पैनल को भंग करके निलंबित भारतीय कुश्ती संघ को बहाल किया जाए।

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