
संवाददाता
गाजियाबाद। यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए सहारा बनीं ई-बसें अब खुद ही बेसहारा हो गई हैं। अधिकारियों ने दादरी की ई-बसों का संचालन कौशांबी बस अड्डे से बंद कर दिया तो चालक-परिचालकों ने उन्हें अड्डे के बाहर सड़क से ही चलाना शुरू कर दिया।
इससे बस चालकों के साथ यात्री व वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पैसिफिक मॉल पर खड़ी करनी पड़ रही है बस
कौशांबी बस अड्डे से 15 ई-बसों का संचालन दादरी के लिए किया जा रहा था, लेकिन अनुबंधित बसों के विरोध पर अधिकारियों ने यहां से इन बसों का संचालन बंद कर दिया और बस अड्डे के अंदर प्रवेश नहीं दिया। इससे ई-बसों का संचालन बस अड्डे के बाहर पैसिफिक मॉल के सामने मुख्य सड़क पर खड़ी करके करना पड़ रहा है।
चालकों ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि बसों का संचालन करने में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। नौकरी छोड़ नहीं सकते घर का खर्चा इसी से चलता है। उधर पुलिस भी आकर परेशान करती रहती है। दादरी जाने वाले यात्री भी बस अड्डे के बाहर भटकते रहते हैं।
पहले भी बंद कर दिया था बसों का संचालन
रोडवेज के अधिकारियों ने पांच सितंबर को कौशांबी बस अड्डे से ई-बसों का संचालन बंद कर दिया था। अधिकारियों ने पत्र जारी करते हुए कहा था कि इससे अनुबंधित बस संचालकों को नुकसान हो रहा है।
इस दौरान यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इसके बाद छह अक्टूबर को फिर से बसों का संचालन शुरू कर दिया गया था। अब फिर से डिपो के अंदर बसों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
विधायक की मांग पर शुरू हुआ था बसों का संचालन
कौशांबी डिपो से दादरी के लिए वहां के विधायक तेजपाल नागर की मांग पर दिसंबर 2022 में शुरू किया गया था। एक साल से अधिक बसों का संचालन होने के बाद अधिकारियों को बसों का संचालन गलत लगा था।
अधिकारियों का कहना था कि बसें सिटी से बाहर चल रही थीं इसीलिए बंद किया गया था। अब फिर से कौशांबी अड्डे के अंदर से बसों का संचालन बंद होने से चालक-परिचालकों के साथ यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
केसरी नंदन चौधरी, प्रबंध निदेशक, जीसीटीएल ने बताया कि एक नवंबर से दिल्ली में 50 से अधिक बीएस-3 व चार डीजल बसों का संचालन बंद होने से डिपो में बसों की संख्या अधिक हो गई थी। इसीलिए ई-बसों का संचालन बाहर से किया जा रहा है।-



